[Team insider] राज्य के प्रत्येक जिले में एक मुख्य सरकारी सदर अस्पताल होता हैं। जहां गरीब-गुरबा इस उम्मीद के साथ आते है कि उनका कम खर्च में अच्छे से इलाज हो जाए। लेकिन बोकारो सदर अस्पताल की व्यवस्था इस तरह चरमरायी हुई, जिसका आप अंदाजा नहीं लगा सकते हैं। अस्पताल में मरीजों के बेड में ना तो चादर थी और ना ही तकिया। आए दिन इसका खुलासा मीडिया के माध्यम से तो होती ही है, अस्पताल की व्यवस्था की कलई खुल कर तब सामने आ गई जब डीसी ने अचानक औचक निरीक्षण पर पहुंच गये। जिसके बाद सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ संजय कुमार को जमकर फटकार लगाई और 2 घंटे में व्यवस्था सुधारने का निर्देश दिया।
मरीजों के बेड में ना तो चादर था और ना तकिया
दरअसल डीसी कुलदीप चौधरी सोमवार को डीडीसी, सीएस और अन्य चिकित्सा पदाधिकारियों के साथ सदर अस्पताल बोकारो का निरीक्षण करने पहुंच गए। उन्होंने वार्ड से लेकर सभी कमरों का निरीक्षण किया। पुरुष के लिए बने वार्ड में महिला और महिला के लिए बने वार्ड में पुरुष को रखा गया था इसको देखकर डीसी अपने जमकर क्लास लगाई। इस दौरान अस्पताल में कई खामियां उन्हें देखने को मिली। साफ-सफाई बिल्कुल नहीं हो रही थी। अस्पताल में मरीजों के बेड में ना तो चादर थी और ना ही तकिया।
राउंड में भी नहीं आती है नर्स
वहीं जब डीसी ने मरीजों से व्यवस्था के बारे में पूछा तो मरीजों और उनके परिजनों ने बताया कि यह देखने वाला कोई नहीं है। नर्स भी राउंड में नहीं आती है, चादर तकिया भी नहीं दिया गया है। इस पर डीसी ने अस्पताल उपाधीक्षक को मौके पर जमकर फटकार लगाई और कहा की व्यवस्था सुधारने में ध्यान उनका नहीं है।
कई कमरे में लटके थे ताले
डीसी ने अस्पताल के कमरों में रखे दवाई का भी निरीक्षण किया जहां उन्हें कई खामियां मिली। कई कमरे में ताले लटके पड़े थे, चाभी लाने का निर्देश दिया गया तो चाभी भी नहीं मिली। डीसी ने व्यवस्था से नाराज होकर सिविल सर्जन डॉक्टर जितेंद्र कुमार को निगरानी रखने का निर्देश दिया।