शिक्षा विभाग ने स्कूलों में छुट्टी का कैलेंडर जारी किया। इसमें जन्माष्टमी, रामनवमी, महाशिवरात्री की छुट्टियों को रद्द कर दिया गया। जबकि ईद-बकरीद की छुट्टी बढ़ा दी गई। बवाल हुआ तो शिक्षा विभाग ने सफाई जारी कर कहा कि सिर्फ उर्दू स्कूलों में कुछ हिन्दू त्योहारों की छुट्टियाँ रद्द की गई है। शिक्षा विभाग की तरफ से दो अलग-अलग कैलेंडर भी जारी की गई। लेकिन बवाल ने राजनीतिक रंग ले लिया। भाजपा खुल कर बिहार सरकार का विरोध करने लगी। लेकिन इस छुट्टी विवाद में राज्यपाल विश्वनाथ आर्लेकर की एंट्री हुई है। राज्यपाल ने सभी विश्वविद्यालयों एक समान छुट्टी के लिए एक कमिटी का गठन किया है।
एक सामान छुट्टी के लिए बनाई कमिटी
राज्यपाल विश्वनाथ आर्लेकर ने एक कमिटी का गठन किया है। राजभवन के तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि बिहार विश्वविद्यालय अधिनियम तथा पटना विश्वविद्यालय अधिनियम में कुलाधिपति को देय शक्तियों के तहत यह कमिटी गठित की गई है। कमिटी को एक सप्ताह में रिपोर्ट राजभवन को सौंपने का निर्देश दिया गया है। रिपोर्ट के आधार पर ही राजभवन छुट्टी का कैलेंडर जारी करेगा। इस कमिटी में पटना यूनिवर्सिटी, पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी और मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपतियों को शामिल किया गया है।