[Team insider] कोरोना के कारण पिछले दो सालों से स्कूल बंद हैं, बच्चों की पढ़ाई बाधित है। इसे लेकर आजसू पार्टी ने सरकार पर निशाना साधा है। आजसू पार्टी प्रवक्ता डॉ. देव शरण भगत सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि झारखंड सरकार को सरकारी स्कूलों के बच्चों के घर तक किताब एवं पठन सामग्री पहुंचाने की चिंता नहीं है। वहीं उन्होनें कहा कि झारखण्ड सरकार को सरकारी स्कूलों के बच्चों के घर तक किताब एवं पठन सामग्री पहुंचाने की चिंता नहीं है। झारखण्ड सरकार किताब की जगह हाथों में शराब देने को आमादा है।
सरकार की प्राथमिकता शराब है
कोरोना से उपजे वैश्विक संकटकाल में आज एक ओर कुछ राज्यों ने राशनकार्डधारियों के घर तक राशन पहुँचाने की व्यवस्था की है, वहीं झारखण्ड सरकार शराब की होम डिलीवरी के लिए छत्तीसगढ़ राज्य कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ एमओयू कर रही। इससे यह साबित होता है कि सरकार की प्राथमिकता शिक्षा और स्वास्थ्य नहीं बल्कि शराब है। शराब आपके द्वार झामुमो महागठबंधन सरकार की महत्वाकांक्षी योजना बन गयी है।
हजारों बच्चे अनाथ नहीं हो गये
हमने कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन और अस्पताल में बेड नहीं मिलने के कारण कई लोगों को खोया। यहां तक कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के सामने लोगों ने दम तोड़ा। काश राज्य सरकार ने दवाओं एवं ऑक्सीजन की होम डिलीवरी की होती, तो झारखण्ड में आज हजारों घर इस तरह बर्बाद नहीं होते। हजारों बच्चे अनाथ नहीं होते।
सरकार सत्ता के नशे में चूर हो गयी है
गुरुजी ने नशामुक्त झारखण्ड की कल्पना की थी, 1932 आधारित स्थानीयता की बात की थी, लेकिन इसके विपरीत हेमंत सरकार घर-घर शराब पहुxचाने में जुटी हुई है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सरकार सत्ता के नशे में चूर हो गयी है और विपक्ष की बात तो दूर, गुरुजी की बातों और विचारों को भी दरकिनार कर रही।