RANCHI : हाल ही के दिनों साउथ की फेमस एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना का एक फेक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा था। इसके बाद बॉलीवुड एक्ट्रेस काजोल का भी वीडियो सामने आया। जिसके बाद आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस “AI” और “ डिप फेक ” इन दो शब्दों की चर्चा सोशल मीडिया में देखने को मिल रही है। एक्ट्रेस का यह वीडियो काफी लंबे समय तक चर्चा का विषय बन रहा। इसके बाद सोशल मीडिया में इसका प्रचलन शुरू हो गया और लोगों इसे FUN करने का एक जरिया बना लिया, लेकिन दोस्तों सोशल मीडिया का उपयोग करने वालों को इसकी जानकारी होनी बहुत जरूरी है। आमतौर पर देखा गया है कि सोशल मीडिया का उपयोग करते समय वीडियो और फोटोग्राफ्स का आदान प्रदान करना, फोटोग्राफ्स और वेडियोज के साथ छेड़छाड़ की घटना अक्सर देखने को मिलता है। आईटी सेल के जानकारों की मानें तो सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल ही इसका सबसे बड़ा बचाव है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी की “ AI ” का जनक अमेरिका है। वर्ष 1956 में जॉन मैकार्थी नाम के कंप्यूटर साइंटिस्ट ने इस कॉन्सेप्ट और इसकी संभावनाओं की चर्चा पहली बार की थी। आज “ AI ” हर सेक्टर में धीरे धीरे अपना पांव पसार रहा है। इससे कहीं न कहीं रोजगार पर सीधा असर पर रहा है। जहां पहले मनुष्य काम करते थे अब उस जगह पर मशीनें काम सम्भाल रही हैं। इन दिनों जैसे सोशल मीडिया जिस तरह से Grow कर रहा है, सोशल मीडिया अब लोगों की रोज़ी रोटी का माध्यम बन गया है। कहा जाए तो जीने की एक वजह बन गई है। बिना स्मार्ट फोन के लोग एक जगह से दूसरे जगह प्रस्थान भी नहीं कर सकते। तरह तरह के ऐप देखने को मिल रहे है, जिसके सहियोग से लोग अपना जीवन शैली तैयार करते है। बढ़ते अपराध और साइबर Fraud को देखते हुए साइबर सेल पूरे एक्टिव Mode पर है। साइबर Fraud अपके सोशल नेटवर्किंग पर पैनी नजर लगाए बैठा है, जिसे धर दबोचने के लिए आईटी सेल तैयार है। वही, इन दिनों डिप फेक चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है। खासकर लड़कियों के लिए चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है।
रांची की रहने वाली श्रीपर्णा बनर्जी का कहना है कि सरकार को इस तरह के अपराध को रोकने के लिए विशेष व्यवस्था करनी चाहिए, क्योंकि जिस लड़की की गलत तसवीर या वीडियो बन जाती है उसके और उसके परिवार को लोग गलत निगाहों से देखने लगते हैं। साथ ही समाज में इस तरह के व्यवहार से आहत होकर आत्महत्या तक कर लेते है। इसके लिए सरकार को उचित उपाय करना चाहिए ताकि जल्द से जल्द कारवाई इस तरह के अपराधियों की जाए और पीड़िता को बचाया जाए। वही, छात्रा सायरू एक्का की माने तो जिन लड़कियों का इस तरह का वीडियो बन जाता है, उनकी मेंटल हेल्थ काफी प्रभावित होती है। इस तरह के अपराध को रोकने के लिए सरकार को जल्द से जल्द उचित व्यवस्था लानी चाहिए।
इस बीच रांची में तरह तरह के साइबर Fraud सामने आए। झारखंड का जामताड़ा का नाम भी प्रख्यात है साइबर Fraud के मामलों को लेकर। झारखंड साइबर सेल ने उन अपराधियों के द्वारा किए गए कई तरह के Fraud को मीडिया से साझा किया। “ AI ” और “ डीप फेक ” से कैसे बचा जाए ये जानने के लिए INSIDER LIVE ने खास बातचीत की झारखंड सायबर सेल के एसपी एसके कार्तिक से, आइए जानते है क्या कहना है।
एसके कार्तिक ने कहा कि सोशल मीडिया पर अकाउंट को प्राइवेट रखें, जिससे सायबर फ्रॉड तक आपकी तस्वीर ना पहुंच पाए। उन्होंने बताया कि डिप फेक के मामले इन दिनों देखने को मिल रहे हैं। बड़े बड़े सेलिब्रेटी की तस्वीर से लोगों का शिकार सायबर फ्रॉड कर रहे है। उन्होंने बताया कि इन दिनों सोशल नेटवर्किंग यूजर्स अपना अकाउंट को पब्लिक रखते हैं और इसका फायदा सायबर फ्रॉड उठा रहे हैं। सायबर फ्रॉड से बचने का सबसे बढ़िया उपाय है इसका बचाव, जो यूजर्स खुद के अकाउंट का बचाव कर रहे हैं यानी जो यूजर्स अपना अकाउंट प्राइवेट कर रखे हैं उनका सायबर फ्रॉड नहीं हो सकता। इसलिए कभी भी अकाउंट को पब्लिक ना रखे। जिन्हे जानते हैं उन्हें ही अपने अकाउंट में ऐड कीजिये।