बिहार के खिलाडियों द्वारा बिहार क्रिकेट एसोशिएशन के अध्यक्ष राकेश तिवारी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है। उन्होंने सीधा सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि तिवारी पैसे लेकर खिलाडियों का चयन करते हैं। इससे प्रतिभावान खिलाडियों को मौका नहीं मिल पाता। ज्यादातर गरीब तबके से आने वाले गुणी और प्रतिभावान लड़के पैसे की तंगी के चलते टीम में चयनित नहीं हो पाते। वहीं धनाड्य वर्ग के बच्चे प्रतिभा की कमी के बावजूद प्रदेश की टीम में शामिल कर लिए जाते हैं। इसका ताजा उदाहरण है हाल ही में हुए रणजी ट्रॉफी में बिहार की क्रिकेट टीम का प्रदर्शन। बिहार इसमें एक भी मैच जीत नहीं पाया। इस लचर प्रदर्शन का एक हीं कारण है भ्रष्टाचार! एक खिलाडी ने तो यहाँ तक इल्ज़ामात लगाए कि राकेश तिवारी अपने एक करीबी के बेटे को आँख मुंदकर टीम में स्थाई कर दिया है चाहे प्रदर्शन कैसा भी रहे। खिलाडियों की ये भी मांग है कि क्रिकेट संघ का अध्यक्ष बिहार के किसी पूर्व क्रिकेट खिलाडी जैसे कि सब्बा करीम या कीर्ति आजाद को बनाना चाहिए जो क्रिकेट को समझते हों। ऐसे लोगों को बनाएंगे तो भ्रष्टाचार हीं फैलायेंगे न!