[Team Insider] झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी आरपीएन सिंह ने पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। जिसके बाद कांग्रेस स्टेट हेड क्वार्टर के गेट पर मंगलवार को जमकर आतिशबाजी की गई।दरअसल आरपीएन सिंह के खिलाफ कांग्रेस का एक गुट लगातार विरोध करता आया है और उसी गुट ने आरपीएन सिंह के इस्तीफे पर आतिशबाजी की है।
कांग्रेस भवन में आतिशबाजी
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी रहे आरपीएन सिंह का विरोध कांग्रेस का एक गुट करता आया है और उनके द्वारा लगातार यह कहा जाता रहा है कि आरपीएन सिंह भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं और आरपीएन सिंह के कार्यकाल में ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का पार्टी से पलायन हुआ है। जिसमें दो प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत और प्रदीप बालमुचू समेत वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सरफराज अहमद और मनोज यादव जैसे नेता शामिल हैं।
आतिशबाजी की बताई यह वजह
आतिशबाजी करने वाले रांची महानगर कांग्रेस के पूर्व मीडिया प्रभारी सुरेंद्र सिंह बेनी ने कहा कि आरपीएन सिंह प्रदेश प्रभारी थे और भाजपा के एजेंट भी थे।उनके द्वारा आरपीएन का विरोध 5 अगस्त 2021 को किया गया था। जो आज सफल हो गया है और कांग्रेस पार्टी बर्बाद होने से बच गई। उन्होंने कहा कि आरपीएन सिंह चाहते थे कि झारखंड कांग्रेस की बर्बादी हो जाए। इसलिए वह चाहते थे कि बड़े नेता दूसरी पार्टी में पलायन कर जाए। अब यह सही साबित हो गया कि वह भाजपा के एजेंट थे।
झारखंड कांग्रेस पर नहीं पड़ेगा कोई असर
वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व ने आरपीएन सिंह को झारखंड का प्रभार सौंपा था। उनके नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ा गया और सफलता भी हासिल हुई। जिसमे 18 सीट लेकर पार्टी आयी।लेकिन पार्टी में आना और पार्टी छोड़ना यह किसी व्यक्ति का अपना विचार हो सकता है। कांग्रेस बड़ी पार्टी है। बहुत लोग इसमें आए और बहुत लोग इस पार्टी से गए। इससे कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ता है। बल्कि कांग्रेस पूरी मजबूती के साथ अपनी जमीन पर खड़ी रहेगी।उन्होंने कहा कि झारखंड कोंग्रेस पर इसका कोई असर नहीं पड़ने वाला है।