भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि झारखंड कर्मचारी आयोग द्वारा 16 और 17 दिसंबर को आयोजित होने वाली झारखंड सामान्य स्नातक योग्यताधारी सीमित प्रतियोगिता परीक्षा को स्थगित किए जाने को हेमंत सरकार की असमर्थता बताई। उन्होंने कहा कि परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी की असमर्थता नहीं है। प्रदेश में सरकारी नौकरी का इंतजार कर रहे लाखों अभ्यर्थियों को हेमंत सरकार ने फिर धोखा दिया है।
हेमंत सरकार ने किया था रघुवर सरकार की भर्तियों को रद्द
दरअसल, सरकार युवाओं को नौकरी नहीं देना चाहती। हेमंत सरकार की न नीति साफ है, न नीयत। मरांडी ने कहा, इसके पहले भी राज्य सरकार ने रघुवर सरकार द्वारा निकाली गई भतियों को पूरी तरह रद्द किया था। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार, जो कुछ नौकरी दे रही है, वह रघुवर दास सरकार द्वारा ली गई परीक्षाओं की है। इसे उनकी सरकार ने न्यायालयों में उलझाया।
नौकरी देने का वादा कर वोट लेने के बाद भूले
मरांडी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत ने चुनाव में युवाओं से प्रति वर्ष 5 लाख नौकरी देने, बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया, वोट लिया और फिर बेरोजगार बनाकर छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि अब झारखंड के युवा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को राजनीतिक बेरोजगार बनाने को तैयार हैं।