लालू यादव के साले और पूर्व सांसद साधु यादव में खटास डेढ़ दशक पुरानी बात हो चुकी है। शुरुआत राजनीतिक वर्चस्व को लेकर हुई और बाद में पारिवारिक रिश्ते भी टूट गए। लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती की शादी में साधु यादव की सक्रियता पूरे बिहार में चर्चा का विषय बनी थी। लेकिन तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव की शादी पर साधु यादव सन्नाटे में दिखे। तेजस्वी यादव की शादी गैर यादव परिवार में होने पर साधु यादव ने आपा खोते हुए लालू परिवार को मीडिया के सामने बहुत सुनाया था। अब एक शादी साधु यादव के घर हो रही है तो अपेक्षा के अनुरुप इस शादी से लालू यादव का पूरा परिवार नदारद दिख रहा है। हालांकि इस शादी में लालू परिवार की नामौजूदगी से ज्यादा भाजपा नेताओं की मौजूदगी चर्चा का विषय बनी हुई है।
12 दिसंबर को हुई साधु यादव के बेटी की शादी
साधु यादव की बेटी की शादी बीते 12 दिसंबर को हुई है। शादी का आयोजन भव्य रहा लेकिन लोगों का ध्यान इस बात पर था कि लालू परिवार इस शादी में शामिल होगा या नहीं। लालू परिवार इन दिनों अपने कई पुराने बिखरे रिश्तों को सुधारने में लगा है। नीतीश कुमार जीता-जागता उदाहरण हैं। क्योंकि जिस नीतीश कुमार को लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती, तेज प्रताप यादव, तेजस्वी यादव सभी पानी पीकर कोसते नहीं थकते थे, उनके साथ आज सरकार चला रहे हैं। लेकिन साधु यादव के घर की शादी देख स्पष्ट हो गया कि लालू परिवार ने सिर्फ राजनीतिक रिश्तों को सुधारा है, टूटे पारिवारिक रिश्तों में अभी भी उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है।

BJP के साथ एनडीए के कई नेता हुए शामिल
पूर्व सांसद साधु यादव की बेटी की शादी में भले ही लालू परिवार का कोई सदस्य नहीं आया लेकिन लालू यादव के राजनीतिक दुश्मन भाजपा और एनडीए के कई नेताओं का जमावड़ा इस समारोह में दिखा। भाजपा से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद रामकृपाल यादव, शिवहर सांसद रमा देवी साधु की बेटी की शादी में शामिल हुए। इसके अलावा एनडीए में शामिल लोजपा रामविलास के सुप्रीमो चिराग पासवान भी शादी में शामिल हुए।

टिकट के सवाल पर शुरू हुआ था बवाल
लालू यादव की सरकार में साधु यादव का कद बड़ा था। वे किसी विभाग के मंत्री नहीं थे लेकिन कई मंत्रियों से उनकी धमक अधिक थी। गोपालगंज से विधायक और सांसद रहे साधु यादव और लालू यादव में खटास 21वीं सदी की शुरुआत में ही आने लगी थी। लेकिन 2009 में मामला बगावत तक पहुंच गया। 2009 के लोकसभा चुनाव में साधु यादव को राजद की ओर से टिकट नहीं मिला तो साधु ने बगावत कर कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में कूदने का फैसला किया। इसके बाद से रिश्ते और बिगड़े और ऐसे बिगड़े कि पारिवारिक समारोह में भी साधु यादव की एंट्री लालू परिवार के साथ बंद हो गई।