राजद विधायक फतेह बहादुर ने एक बार फिर विवादों वाला बयान दिया है। उन्होंने अयोध्या में भगवान राम को काल्पनिक बताते हुए कहा है कि “अयोध्या का नाम पहले साकेत था। राजा वृहद्रथ की हत्या पुष्यमित्र शुंग ने की और उसके बाद बौद्ध भिक्षुओं की हत्या की गई थी। तब सरयू नदी खून से लाल हो गई थी। इस दौरान ही उसका नाम बदलकर साकेत से अयोध्या कर दिया गया था। इस दौरान लाखों बौद्ध भिक्षुओं की हत्या कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि लाखों बौद्ध भिक्षुओं के सिर काटे गए थे, इसी कारण उसे नदी का नाम सरयू नदी पड़ा।”
राजद विधायक का अयोध्या, राम और सरयू को लेकर दावा
फतेह बहादुर ने यह भी दावा किया कि अयोध्या का निर्माण बौद्ध भिक्षुओं के सिर काटकर किया गया है जिसकी गवाह सरयू नदी है। उन्होंने भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि भगवान राम महज एक काल्पनिक पात्र हैं। उन्होंने कहा कि यह मैं नहीं कहता बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने एक अपने आदेश में यह कहा था।
RJD विधायक ने कहा कि “वाल्मीकि रामायण के सर्ग संख्या 109, चौपाई संख्या 134 में भी एक जगह पर लिखा हुआ है तथागत बुद्ध और उनके अनुयायियों के साथ वही दंड मिलना चाहिए, जो चोर को मिलता है। अब अगर वाल्मीकि रामायण में बुद्ध का उल्लेख किया गया है, जिससे यह पता चलता है कि पहले गौतम बुद्ध आए थे। रामायण या रामचरितमानस चौधरी से 15वीं शताब्दी में लिखी गई थी जबकि बुद्ध का अस्तित्व उससे भी पुराना है।”