बिहार सरकार ने राज्य के गरीब परिवारों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए एक नई योजना शुरू की है। इस योजना के तहत, सरकार प्रत्येक गरीब परिवार के कम से कम एक सदस्य को दो लाख रुपये की सहायता करेगी। इस सहायता राशि का उपयोग करके, गरीब परिवार के सदस्य अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। इस योजना का लाभ उन सभी गरीब परिवारों को मिलेगा जिनकी मासिक आय छह हजार रुपये से कम है। इन परिवारों के लिए सरकार ने 62 प्रकार के उद्योगों को चिह्नित किया है। इन उद्योगों में आटा, सत्तु, मसाला, पापड़, आचार, मिठाई, फर्नीचर, नाव निर्माण, मोमबत्ती, मधुमक्खी का बक्शा आदि शामिल हैं।
योजना का लाभ पाने के लिए, गरीब परिवार के सदस्य को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन करने के लिए, आवेदक की आयु 18 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए और वह बिहार का निवासी होना चाहिए। आवेदन के साथ, आवेदक को आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र और अन्य आवश्यक दस्तावेज भी जमा करने होंगे। लाभार्थियों का चयन कंप्यूटर आधारित रैंडमाइजेशन के माध्यम से किया जाएगा। प्रत्येक लाभार्थी को स्वरोजगार के लिए अधिकतम दो लाख रुपये की राशि तीन किस्तों में दी जाएगी। पहली किस्त में परियोजना लागत की 25 प्रतिशत, दूसरी किस्त में परियोजना लागत की 50 प्रतिशत और तीसरी किस्त के रूप में परियोजना लागत की 25 प्रतिशत राशि दी जाएगी।
योजना के कार्यान्वयन एवं अनुश्रवण के लिए राज्य अनुश्रवण समिति का गठन किया जाएगा। इस समिति के अध्यक्ष उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव होंगे। सदस्यों में वित्त विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, श्रम संसाधन विभाग और उद्योग विभाग के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसी प्रकार से जिला स्तर पर जिला अनुश्रवण समिति का गठन किया जाएगा। इसके अध्यक्ष जिलाधिकारी होंगे। सदस्यों में उप विकास आयुक्त, जिला कल्याण पदाधिकारी, जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी, श्रम अधीक्षक और जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक शामिल होंगे। यह योजना बिहार सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना से राज्य के गरीब परिवारों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे और वे अपने जीवन स्तर में सुधार कर सकेंगे।