[Team insider] पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने बीजेपी प्रदेश कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस कर हेमंत सरकार पर जम कर निशाना साधा। वहीं उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार 25 माह के कार्यकाल में कार्य नहीं एक से बढ़कर एक कारनामे हुए हैं। जल, जंगल और जमीन के नारे की आड़ में सत्ता पर काबिज होने के बाद वे इन्हीं का सौदा कर रहे हैं। राज्य में बालू, पत्थर, कोयला व खनिज पदार्थों, जंगल कटाई का अवैध धंधा खुलेआम चल रहा है। यह सारा काम राज्य के एक परिवार के संरक्षण में हो रहा है।
पूरी तरह से संगठित रूप से चल रहा है अवैध काम
रघुवर दास ने कहा कि सत्ताधारी परिवार में सरकार बनने के बाद शुरुआत में भाई-भाई के बीच तनातनी की खबरें आती रहती थीं। ये खबरें अब कुछ समय से आना बंद हो गयी हैं। इसके पीछे का कारण है काम में बंटवारा। संथाल परगना में बालू व पत्थर का अवैध धंधा एक भाई के जिम्मे आ गया है, वहीं कोयले का अवैध काम दूसरे भाई के संरक्षण में चल रहा है। ये अवैध काम पूरी तरह से संगठित रूप से चल रहा है। पुलिस प्रशासन को भी इस काम में लगाया गया है। हर जगह इन दोनों के आदमियों की अनुमति के बिना कोई भी काम नहीं कर सकता है। चाहे किसी के पास सरकारी अनुमति के रूप में लाइसेंस ही क्यों न हो।
कोर्ट की फटकार का भी नहीं हो रहा है असर
झामुमो के विधायक ही कई बार अवैध खनन, पत्थरों की ढुलाई के खिलाफ बोलते रहे हैं। अखबारों में भी अवैध खनन, बालू-पत्थर की ढुलाई के खिलाफ समय समय पर खबरें प्रकाशित होती रहती हैं। कोर्ट की फटकार का भी असर नहीं हो रहा है। सरकार की ओर से इन्हें रोकने का प्रयास नहीं किया गया। रोके भी तो कौन? कहावत है न – सैंया भये कोतवाल, तो डर काहे का। जो काम सरकार की सरपरस्ती में चल रहा हो, वह रूक ही नहीं सकता।
जनता को ज्यादा दिन तक बरगलाया नहीं जा सकता है
रघुवर दास ने कहा कि 25 माह में लूट इतनी कि जिसे एक प्रेस कांफ्रेस के माध्यम से लोगों तक नहीं पहुंचाया जा सकता है। इसलिए पांच प्रमंडलों की लूट कथा को प्रमंडलवार उद्भेदन किया जायेगा। इस बार सरकारी संरक्षण में संथाल परगना और कोल्हान में हो रही लूट के बारे में आपके माध्यम से जनता तक पहुंचाने का प्रयास होगा। भाजपा नेताओं की प्रेस कांफ्रेंस के बाद झामुमो-कांग्रेस व सरकार के पाले हुए कुछ नेता बस अनर्गल और घिसे-पिटे आरोप लगाते हैं, लेकिन जो मुद्दे उठाये जाते हैं, उस पर कुछ नहीं कहते हैं। लेकिन जनता अब सब समझ चुकी है। जनता को ज्यादा दिन तक बरगलाया नहीं जा सकता है।