श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में 22 जनवरी को प्रभु श्रीराम के नए मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन होने जा रहा है. इसी दिन पटना में भी कर्पूरी ग्राम में जननायक कर्पूरी ठाकुर के जन्म शताब्दी समारोह के बहाने समाजवादियों का जुटान होने जा रहा है. इस बैठक में आरक्षण के विमर्श को तेज करने का प्रयास किया जा सकता है.
जदयू के मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी ने इस आयोजन को लेकर बताया कि इस कार्यक्रम में जुटे समाजवादी नेता 2024 के लोकसभा चुनाव के एजेंडा में आरक्षण को कैसे शामिल किया जाए, इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा कि आरक्षण के साथ कर्पूरी ठाकुर की चर्चा इसलिए प्रासंगिक है क्योंकि पहली बार उन्होंने ही पिछड़ों, महिलाओं और ऊंची जाति के गरीबों को आरक्षण दिया था।
उस वक्त और आज के समय में यह बदलाव आया है कि 1978 में आरक्षण देने के कारण कर्पूरी ठाकुर को विरोध का सामना करना पड़ा था था। वहीं, आज आरक्षण का विरोध नहीं हो रहा है।
केसी त्यागी ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर की समानता, सद्भाव और समन्वय की नीति आज भी प्रासंगिक है. उन्होंने आरक्षण व्यवस्था में महिलाओं और ऊंची जाति के गरीबों के लिए भी आरक्षण का प्रावधान किया, जिसे आज हर राजनीतिक दल स्वीकार करता है। इस प्रकार कर्पूरी ठाकुर की दूरदर्शिता सिद्ध होती है।
त्यागी ने कहा कि चर्चा के नतीजों को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों से बातचीत की जायेगी. उनसे आरक्षण के मुद्दे को अपने घोषणापत्र में शामिल करने का अनुरोध किया जायेगा.
समारोह में पुराने समाजवादी रामाशंकर सिंह भी शामिल होंगे. आपातकाल के दौरान कर्पूरी ठाकुर लंबे समय तक भूमिगत रहे। उन दिनों रमाशंकर सिंह लगातार उनके साथ थे.
22 जनवरी की तिथि निर्धारित करने के बारे में केसी त्यागी ने बताया कि इसका अयोध्या में हो रहे कार्यक्रम से कोई संबंध नहीं है। कर्पूरी ठाकुर की जन्म तिथि 24 जनवरी है। उस दिन पटना में जदयू – राजद सहित विभिन्न दलों के कई कार्यक्रम प्रस्तावित हैं. इसलिए इस कार्यक्रम का आयोजन दो दिन पहले 22 जनवरी को किया जा रहा है.
केसी त्यागी ने बताया कि इस आयोजन में जननायक कर्पूरी ठाकुर के नाम पर एक विश्वविद्यालय के नामकरण की भी मांग रखी जाएगी.