केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से हाल ही में नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी पर दिए गए एक बयान से बिहार में सियासी हलचल तेज़ हो गयी है। देखा जाये तो इसके बाद बिहार में पार्टियों के बीच बैठकों का दौर भी शुरू हो गया है। अमित शाह के बयान के बाद बिहार में दो अहम बैठकें हुई। पहली बैठक नीतीश कुमार के आवास पर थी, तो दूसरी बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा के घर पर हुई।
शुक्रवार को जब नीतीश के आवास पर लालू और तेजस्वी ने बैठक की तो बैठक के बाद तेजस्वी यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “जब से लालू और नीतीश ने हाथ मिलाया है, तब से भाजपा परेशान है। उसी हताशा के तहत वे इस तरह के बयान दे रहे हैं।” मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमित शाह की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शुक्रवार, 19 जनवरी को कहा, “मुझे नहीं पता… हो सकता है कि आप लोगों को बेहतर जानकारी हो कि अमित शाह क्या कहना चाहते थे।” उपमुख्यमंत्री ने दावा किया कि बिहार के राजनीतिक क्षेत्र से बीजेपी का नामोनिशान मिट जाएगा। उन्होंने कहा, हम एकजुट होकर सरकार चला रहे हैं। राज्य का तेजी से विकास सुनिश्चित करने के लिए हमें नियमित रूप से मिलने की जरूरत है। नीतीश कुमार को लेकर उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के गठबंधन से नाखुश होने की अटकलें सही नहीं हैं। इंडी गठबंधन के अंदर सब ठीक है। वहीँ इन दिनों जदयू और बीजेपी के बीच तल्ख़ रिश्तों में नरमी देखने को मिल रही है। 2022 में जब से नीतीश ने एनडीए से नाता तोड़ा और महागठबंधन में शामिल होकर सरकार बनाई तब से से जेडीयू और बीजेपी के बीच तकरार जारी है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से दोनों के बीच नरमी देखी जा रही है।
दरअसल हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से एक अखबार के इंटरव्यू में पूछा गया था कि क्या फिर से नीतीश कुमार का स्वागत NDA में किया जायेगा? जिसपर शाह ने उत्तर दिया था कि अगर किसी के पास इस बारे में कोई प्रस्ताव है, तो इस पर विचार किया जाएगा. राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो अमित शाह के इस जवाब से यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि नीतीश कुमार के लिए NDA के दरवाज़े अभी भी खुले हैं। वहीं हाल ही में 14 जनवरी को चिराग पासवान के घर उपेन्द्र कुशवाहा, जीतनराम मांझी के एक साथ बैठक को लेकर यही खबर आ रही है कि बैठक में तीनों ने यही तय किया है कि वे बीजेपी से इस पर बात करेंगे कि नीतीश कुमार के एनडीए में आने से उनके राजनीतिक हितों का नुकसान न हो,ऐसा भाजपा सुनिश्चित करे।