अयोध्या राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) में रामलला (Ramlala) के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम से विपक्षी गठबंधन इंडिया (india alliance) के कई नेताओं ने दूरी बना ली है। कई नेताओं ने आमंत्रण पत्र को स्वीकार नहीं किया। इनमें उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत कई राज्यों के नेता शामिल हैं। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भगवान रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होंगी। मंदिर न्यास के आमंत्रण को कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने अस्वीकार कर दिया था।
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भारत जोड़ा यात्रा में राहुल गांधी व्यस्त
कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी पार्टी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में व्यस्त हैं। राम मंदिर जाने के सवाल पर कहा था-आरएसएस और बीजेपी ने 22 जनवरी के कार्यक्रम को पूरी तरह से राजनीतिक और ‘नरेंद्र मोदी फंक्शन’ बना दिया है। ‘हम सभी धर्मों के साथ हैं। हिंदू धर्म से जुड़े सबसे प्रमुख लोगों (शंकराचार्य) ने भी विचार प्रकट किए हैं कि यह राजनीति कार्यक्रम है, इसलिए हमारे लिए ऐसे कार्यक्रम में जाना बहुत मुश्किल है, जिसे प्रधानमंत्री और संघ के इर्द-गिर्द तैयार किया गया है।
मल्लिकार्जुन खरगे नहीं होंगे शामिल
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भी निमंत्रण मिला था। मगर, वह प्राण-प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। कांग्रेस ने राम मंदिर के कार्यक्रम को राजनीतिक करार दिया और कहा कि बीजेपी और आरएसएस चुनावी फायदे के लिए इस समय यह कार्यक्रम करा रहे हैं। लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने राम मंदिर के उद्घाटन में शामिल होने का निमंत्रण अस्वीकार किया है। कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व एक बात कह रहा कि बीजेपी और आरएसएस का कार्यक्रम है।
प्राण-प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को दिया राजनीतिक करार
कांग्रेस नेता जयराम रमेश भी प्राण-प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने वाले है। उन्होंने प्राण-प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को राजनीतिक करार दे दिया। उन्होंने कहा था कि बीजेपी और आरएसएस की राजनीतिक परियोजना लंबे समय से चली आ रही है। कहा था कि धर्म का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए।
अखिलेश यादव भी बाद में जाएंगे दर्शन करने
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी राम मंदिर के उद्घाटन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है, मगर वह कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि वह बाद में दर्शन करने जाएंगे।
बाद में दर्शन करने जाएंगे केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा था कि उनको (मंदिर ट्रस्ट का) एक पत्र आया था। उसके बाद उनको कॉल किया तो उन्होंने बताया कि कोई पर्सनली इन्वाइट करने के लिए फाइनल इन्विटेशन देने पर्सनली उनकी टीम आएगी, जो आई नहीं। सीएम केजरीवाल ने कहा कि वह चाहते हैं कि अपनी मपत्नी, बच्चों और माता-पिता के साथ जाएं, इसलिए बाद में चले जाएंगे।
ममता भी नहीं होंगी शामिल
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगी। ममता ने हाल में घोषणा की थी कि 22 जनवरी को वह सद्भाव रैली निकालेंगी। रैली की थीम-‘सभी धर्म बराबर है’ होगी।
लालू प्रसाद ने आमंत्रण अस्वीकार किया था
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को भी राम मंदिर के उद्घाटन समारोह के लिए आमंत्रित किया गया था। लालू ने ही इसे अस्वीकार किया था। वैसे, लालू ने कार्यक्रम में शामिल नहीं होने को लेकर वजह नहीं बताई।
शरद पवार बोले-बाद में दर्शन करने आऊंगा
सीपीआई(एम) महासचिव सीताराम येचुरी ने आमंत्रण पत्र को अस्वीकार कर दिया है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को पत्र लिखकर कहा कि वह बाद में समय निकालकर राम मंदिर में दर्शन करने आएंगे।
उद्धव ठाकरे को मिला है आमंत्रण पत्र
शिवसेना (यूबीटी) नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दिया गया है। हालांकि पार्टी इस बात से नाराज है कि उन्हें निमंत्रण डाक के जरिए भेजा गया है। फिलहाल उद्धव कार्यक्रम में शामिल होंगे या नहीं, उस पर संदेह बना है।