अयोध्या में श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पूरा हो चुका है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद मूर्ति विग्रह के रूप में परिवर्तित हो चुकी है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने मंदिर परिसर से ही संबोधन किया। इससे पहले पीएम मोदी ने 11 दिनों का उपवास रखा था, जो प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही पूरा हुआ।
हमारे राम आ गए हैं : पीएम मोदी
अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी सियावर रामचंद्र की जय के उद्घोष के साथ भाषण की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि आज हमारे राम आ गए। सदियों की प्रतीक्षा के बाद हमारे राम आ गए हैं। सदियों का अभूतपूर्व धैर्य, अनगिनत बलिदान, त्याग, तपस्या के बाद हमारे राम आ गए हैं। इस शुभ घड़ी की समस्त देशवासियों को बधाई। कितना कुछ कहने को है लेकिन कंठ अवरुद्ध है। चित्त अभी भी उस पल में लीन है। हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे। यह क्षण अलौकिक है। ये पल पवित्रतम हैं। यह घड़ी प्रभु राम का आशीर्वाद है। आज सूर्य अद्भुत आभा लेकर आया है। आज का दिन कैलेंडर पर लिखी तारीख नहीं है, यह नए कालचक्र का उद्गम है।
पीएम मोदी ने भगवान राम से मांगी क्षमा
मैं आज प्रभु श्रीराम से क्षमायाचना भी करता हूं। हमारे त्याग, पुरुषार्थ में कुछ तो कमी रह गई होगी कि हम इतने सदियों तक यह कार्य कर नहीं पाए। आज वह कमी पूरी हुई है। मुझे विश्वास है कि प्रभु राम आज हमें अवश्य क्षमा करेंगे। कई पीढ़ियों ने वियोग सहा है। भारत के संविधान और उसकी पहली पंक्ति में भगवान राम विराजमान हैं। संविधान के आने के बाद भी दशकों तक कानूनी लड़ाई चली। आभार है न्याय व्यवस्था का, जिसने न्याय की लाज रख ली। न्याय के पर्याय प्रभु राम का मंदिर भी न्याय के रास्ते पर चलकर ही बना।
राम आग नहीं, ऊर्जा हैं : पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूरा देश आज दिवाली मना रहा है। प्रभु राम भारत के कण कण से जुड़े हुए हैं। हर युग में लोगों राम को जिया है। आज का अवसर विजय का नहीं विनय है। हमारे देश ने इतिहास की गांठ को जिस गंभीरता के साथ खोला है। इससे स्पष्ट है कि हमारा भविष्य अतीत से सुंदर होगा। लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी। लेकिन वे लोग भारत को नहीं जानते। निर्माण किसी आग को नहीं ऊर्जा को जन्म दे रहा है। राम मंदिर समाज के हर वर्ग को उज्जवल भविष्य के पथ पर बढ़ने को प्रभावित कर रहा है। राम आग नहीं, राम ऊर्जा हैं। राम विवाद नहीं, समाधान हैं। राम हमारे नहीं, सबके हैं। राम वर्तमान नहीं, राम अनंत काल हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि राम मंदिर के भूमि पूजन के दिन से देश में उमंग और उत्साह बढ़ता ही जा रहा था। हर दिन एक नया विश्वास पैदा हो रहा था। आज हमें सदिया की उस धैर्य की धरोहर मिली है। आज हमें राम का मंदिर मिला है। जहां राम का काम होता है वहां पवन पुत्र हनुमान अवश्य होते हैं।
पीएम मोदी ने बताया आगे का प्लान
नरेंद्र मोदी ने कहा कि भगवान राम का मंदिर तो बन गया, अब आगे क्या? आज मैं पूरे पवित्र मन से महसूस कर रहा हूं कि कालचक्र बदल रहा है। यह सुखद संयोग है कि हमारी पीढ़ी को इसके लिए चुना गया है। यही समय है, सही समय है। हमें आज से अगले 1000 साल के भारत की नींव रखनी है। मंदिर निर्माण से आगे बढ़कर सभी देशवासियों को इस पल से आगे बढ़कर भारत के निर्माण का सौगंध लेना है। आज के युग की मांग है कि हमें अपनी चेतना को विस्तार देना होगा। हनुमान जी की भक्ति, सेवा, समर्पण ऐसे गुण हैं जिन्हें बाहर नहीं ढूंढना होता है। प्रत्येक भारतीय में यह मौजूद होते हैं।
पीएम अकेले तप कर रहे हैं, हमें भी करना है : मोहन भागवत
वहीं आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि आज का वर्णन शब्दों में संभव नहीं। आज अयोध्या में रामलला के साथ भारत का स्व लौट कर आया है। संपूर्ण विश्व को त्रासदी से राहत देने वाला एक भारत बनेगा, इसका प्रतीक आज बन गया है। पूरे देश में यही वातावरण है। छोटे मंदिर में टीवी पर यह कार्यक्रम सुना जा रहा है। सब भाव विभोर हैं। ऐसे में जोश की बातों में होश की बात करने का काम मुझे दिया गया। पीएम ने जितना कठोर व्रत रखने को कहा था, उससे ज्यादा रखा। वे तपस्वी हैं। लेकिन वे अकेले तप कर रहे हैं, हम क्या कर रहे हैं। आज रामलला आए, लेकिन बाहर क्यों गए थे। अयोध्या में कलह हुआ था। जबकि अयोध्या उसका नाम है जहां कोई कलह, द्वंद्व नहीं। वो सब ठीक होने के बाद आए। आज 500 वर्षों बाद स्वर्ण दिवस आया है। इसमें हमारे लिए कर्तव्य का आदेश है। पीएम ने तप किया, हमलोगों को भी तप करना है।
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हमें कलहों को विदाई देनी होगी : मोहन भागवत
मोहन भागवत ने कहा कि हमें सभी कलहों को विदाई देनी होगी। छोटे विवाद रहते हैं, उसे लेकर लड़ना छोड़ना होगा। धर्म के मूल्यों का आचरण करना है। आपस में समन्वय से चलना होगा। क्योंकि हम सबके लिए चलते हैं। आपस में समन्वय रखना धर्म के पहले आचरण सत्य का बोध है। जहां दुख पीड़ा दिखे हम दौड़ें। सेवा परोपकार करें। शुचिता पर चलना है। पवित्रता होनी चाहिए। नागरिक अनुशासन का पालन करना देशभक्ति का रूप है। यह तप करना है और देश को विश्व गुरु बनाना है।
इससे पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मंदिर परिसर से संबोधन किया। इस दौरान योगी आदित्यनाथ ने सभी अतिथियों का स्वागत और अभिनंदन किया। 500 वर्षों के लंबे अंतराल के उपरांत अंतर्मन के भाव ऐसे हैं, जिनके लिए शब्द नहीं है। मन भावुक, भाव-विव्हल है। आज इस अत्यंत पावन अवसर पर भारत का हर नगर अयोध्या धाम है। हर मन में राम नाम है। हर आंख हर्ष, संतोष के आंसू से भीगी है। पूरा राष्ट्र राममय है। ऐसा लगता है कि हम त्रेता युग में आ गए हैं। आज हर रामभक्त के हृदय में प्रसन्नता, गर्व और संतोष का भाव है। भारत को इसी दिन की प्रतीक्षा थी। इस दिन के इंतजार में दर्जनों पीढियां अधूरी कामना लिए प्रस्थान कर गईं। अपने अराध्य के जन्मस्थली पर मंदिर बनाने के लिए बहुसंख्यक समाज द्वारा लड़ी जाने वाली यह सबसे लंबी लड़ाई लड़ी है।
मंदिर वही बना है, जहां बनाने का संकल्प लिया था : योगी आदित्यनाथ
योगी आदित्य नाथ ने कहा कि आत्मा प्रफुल्लित है इस बात से कि मंदिर वही बना है, जहां बनाने का संकल्प लिया था। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हृदय से आभार और अभिनंदन। रामलला की छवि अलौकिक है। रामजन्मभूमि ने देश की चेतना को जागृत किया है। आज पूरी दुनिया अयोध्या के वैभव को निहार रही है। पूरी दुनिया अयोध्या आने को आतुर है। अयोध्या देश की सांस्कृति राजधानी बन रही है। अयोध्या पुरी का निरंतर विकास हो रहा है। कल्पना से परे था कि अयोध्या में एयरपोर्ट होगा, सरयू में क्रूज चलेंगे, सड़कें फोर लेन होंगी। लेकिन डबल इंजन की सरकार में सबकुछ हो रहा है। दिव्य और भव्य अयोध्या के लिए हजारों करोड़ रुपए लगाए जा रहे हैं।
CM योगी आदित्य नाथ ने कहा कि अयोध्या सोलर सिटी के रूप में डेवलप किया जा रहा है। यह नगर या तीर्थ का विकास भर नहीं है। यह लोकआस्था और जनविश्वास की विजय है। यह राष्ट्र मंदिर है। अयोध्या की गलियों में गोलियों की गड़गड़ाहट नहीं होगा। कर्फ्यू नहीं लगेगा। अवधपुरी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा रामराज्य की स्थापना का द्योतक है।