प्रभु श्री राम अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्षों तक वन में रहे थे। इस दौरान उन्होंने उत्तर भारत से दक्षिण भारत तक भ्रमण किया तथा कई स्थानों पर कुछ समय भी बिताया। माना जाता है कि इस वनवास के दौरान सबसे ज्यादा वक्त प्रभु राम ने अपनी भार्या के साथ चित्रकूट में ही बिताया था।कहीं कहीं ऐसा भी वर्णन मिलता है कि भगवान राम चित्रकूट में सिर्फ डेढ़ साल रहे थे और बाकी के 12.5 साल दक्षिण भारत के जगहों पर रहे थे। वाल्मीकि रामायण में 14 साल के वनवास में 10 साल का वर्णन कुछ चौपाइयों में ही पूरा हो गया है और 10 साल के लिए सिर्फ 3-4 श्लोक लिखे गए हैं। वहीँ राम चरितमानस के 50% हिस्से में 10 साल की बात लिखी गई है। बहरहाल, कई लोकोक्तियों ,कहानियों,कहावतों और कई लोगों का भी यही कहना है कि श्री राम चित्रकूट में 12 वर्षों तक रहे थे,जबकि 1.5 से 2 साल विन्ध्य के दक्षिण भागों में उन्होंने बिताया था। आपको बताते चलें कि प्रभु राम को अयोध्या से चित्रकूट तक आने में 10 दिनों का समय लगा था।