पटना में राजनीतिक हलचल के बीच सूत्रों ने बताया है कि भाजपा और जदयू के बीच डील तय हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार जेडीयू – बीजेपी के साथ आने पर भी नीतीश कुमार ही सीएम बने रहेंगे। साथ ही भाजपा से दो उपमुख्यमंत्री बनाए जाने के भी कयास लाए जा रहे हैं। वैसे इस बार उप मुख्यमंत्री पद में कुछ बदलाव हो सकता है। सरकार बनाने के बाद सबसे पहले विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा और मंत्रिमंडल में पुराने फॉर्मूले के तहत ही मंत्रियों की संख्या तय होगी। करीब 3 से 4 विधायकों पर एक मंत्री पद दिया जाएगा। इस बार मंत्रिमंडल में पुराने चेहरों के साथ नए चेहरों को भी मौक़ा दिया जायेगा। जबकि अंदेशा यही लगाया जा रहा है कि इस बार लोकसभा चुनाव में जेडीयू कोटे की सीटों की संख्या में कमी होने जा रही है। जेडीयू को इस लोकसभा में 12-15 सीटों पर हीं संतोष करना पड़ सकता है। गठबंधन में बीजेपी जेडीयू के अलावा अन्य सहयोगियों में से उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी, जीतन राम मांझी की हम को मंत्रिमंडल का हिस्सा बनाया जाने की खबर मिल रही है। चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को लेकर अभी संदेह बना हुआ है। बीते गुरुवार को ही बिहार बीजेपी के नेताओं ने दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मीटिंग की थी। इस बीच चिराग पासवान को भी दिल्ली बुलाया गया हैं। उनकी गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात हो सकती है।
बताया जा रहा है कि इस बीच जदयू ने अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। इसके साथ ही अपने-अपने क्षेत्र में झंडोत्तोलन करने वाले प्रभारी मंत्रियों और विधायकों को भी आज ही पटना लौटने का भी जदयू कमान कि तरफ से आदेश दे दिया गया है। आगामी 28 जनवरी को पटना के मिलर हाई स्कूल ग्राउंड में आयोजित होने वाली महाराणा प्रताप रैली को भी रद्द कर दिया गया है। इस बीच सूत्रों के हवाले से ये खबर आ रही है कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव साथ कराए जाने की संभावना पर बिहार बीजेपी के नेताओं ने अपना समर्थन नहीं दिया है।