बिहार के सीएम नीतीश कुमार और चुनावी रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर का रिश्ता पुराना है। दोनों प्रोफेशनल संबंधों में 2015 साथ आए थे। इसके बाद निजी संबंध ऐसे बने कि नीतीश कुमार ने प्रशांत किशार को न सिर्फ अपी पार्टी में लिया, बल्कि पार्टी में नंबर 2 की पोजीशन भी दे दी। लेकिन बाद में उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया। अभी प्रशांत किशोर जनसुराज की पदयात्रा में लगे हैं। लेकिन चर्चा यह चल रही है कि प्रशांत किशोर अभी भी नीतीश कुमार के रणनीतिक सलाहकार का काम उनसे दूर होकर भी कर रहे हैं।
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दरअसल, नीतीश कुमार पर हमलावर होते होते प्रशांत किशोर ने कई बार यह कहा है कि महागठबंधन में रहते हुए नीतीश कुमार की पार्टी को लोकसभा चुनाव में 5 सीटें भी नहीं आएंगी। यह बात प्रशांत किशोर ने कई बार कही है और इस पर वे लगातार अडिग रहे हैं। दूसरी ओर ठीक लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन नीतीश कुमार ने छोड़ दिया है, जो यह माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर द्वारा दी गई सलाह को नीतीश कुमार ने मान लिया है।
नीतीश कुमार ने जब भाजपा का साथ अगस्त 2022 में छोड़ा था, तो उनके राजनीतिक जीवन का एक ही मकसद लग रहा था कि वे हर हाल में 2024 में भाजपा को हराना चाहते हैं। लेकिन चुनाव के ठीक पहले नीतीश की भाजपा के साथ वापसी ने चौंका दिया। हालांकि मीडिया में यह चर्चा पहले से थी लेकिन जदयू व राजद नेता इसे झुठलाते रहे। लेकिन अब शायद प्रशांत किशोर की बात मानकर नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव के लिए महागठबंधन छोड़ दिया है।