बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा के गठबंधन की सरकार एक बार फिर बिहार में आ चुकी है। राजद से गठबंधन क्यों टूटा, यह तो नीतीश कुमार ने इस्तीफा देते ही राजभवन के सामने बता दिया। लेकिन भाजपा से गठबंधन क्यों किया, यह नीतीश कुमार ने नहीं बताया। दरअसल, भाजपा और नीतीश की इस डील वाली सरकार के बाद चर्चा इस बात की है कि आखिर डील हुई क्या है। नीतीश कुमार की एक बात तो भाजपा ने मान ली है कि उन्हें ही सीएम बनाया जाएगा। लेकिन साथ ही इस डील में बड़ा भाई कौन है, इसका औपचारिक खुलासा होना शेष है।
बिहार के सीएम नीतीश के लिए अब भी काम कर रहे हैं प्रशांत किशोर!
दरअसल, इस डील में नीतीश की शर्त पूरा करने और डिप्टी सीएम के चेहरों के खुलासे के साथ ही एक बात तय हो गई है कि इस बार नीतीश की शर्तों पर ही यह गठबंधन नहीं हुआ है। भाजपा ने बिहार विधानमंडल में नीतीश कुमार को उन चेहरों का साथ दिया है, जो पिछले 15 महीनों से अलग अलग सदनों में नीतीश कुमार को काउंटर कर रहे थे।
महागठबंधन की सरकार के वक्त विधानसभा में भाजपा के नेता विजय कुमार सिन्हा थे और विधान परिषद में यह जिम्मेदारी सम्राट चौधरी की थी। अब दोनों को भाजपा ने डिप्टी सीएम बना दिया है। दोनों ही नीतीश कैबिनेट में मंत्री तो रह चुके हैं लेकिन डिप्टी सीएम का पद पहली बार मिला है।