केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ‘SIMI (स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया)’ पर पांच साल के लिए प्रतिबंध को बढ़ा दिया है। गृह मंत्रालय ने सोमवार ,29 जनवरी को एक्स पर पोस्ट के जरिए इस बैन को बढ़ाए जाने के आदेश की जानकारी साझा की। गृह मंत्रालय ने पोस्ट में लिखा कि आतंकवाद के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीरो टॉलरेंस के दृष्टिकोण के मद्देनज़र UAPA के तहत SIMI को अगले पांच सालों के लिए गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया है। केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि SIMI को भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता को खतरे में डालने के लिए, आतंकवाद को बढ़ावा देने, शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने में शामिल पाया गया है।
बता दें कि बीते साल केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर SIMI पर लगे प्रतिबंध को सही ठहराया था। केंद्र सरकार की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा था कि सिमी भारतीय राष्ट्रवाद के खिलाफ है। केंद्र सरकार ने अपने द्वारा दाखिल हलफनामे में आरोप लगाया था कि सिमी के उद्देश्य देश के कानूनों के विपरीत हैं, क्योंकि संगठन का उद्देश्य इस्लाम के प्रचार में छात्रों और युवाओं को जुटाना और जिहाद के लिए समर्थन प्राप्त करना है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कोई भी संगठन जिसका उद्देश्य भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करना है, उसे अस्तित्व में रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। केंद्र ने अपनी वकालत में कहा था कि कई सालों तक प्रतिबंधित रहने के बावजूद सिमी ने विभिन्न संगठनों के माध्यम से अवैध गतिविधियों में लिप्त रहना जारी रखा है, इसलिए उसके खिलाफ नया प्रतिबंध लगाया गया। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया था कि वह SIMI पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करे।
बताते चलें कि SIMI पर पहली बार 2001 में प्रतिबन्ध लगाया गया था जिसका विस्तार हर 5 वर्षों पर केंद्र सरकार द्वारा कर दिया जाता है। इस मामले में SIMI ने सुप्रीम कोर्ट की भी शरण ली है पर कोर्ट की तरफ से भी उसे कोई राहत नहीं मिली है।