बीजेपी के वरीष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने तेजस्वी पर हमला बोलते हुए कहा कि कैबिनेट की पहली बैठक में दस लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का वादा 17 महीनों में पूरा क्यों नहीं कर सकी उस समय की सरकार। तेजस्वी यादव सत्ता से बाहर होने पर 1.22 लाख शिक्षकों को नौकरी देने का श्रेय लेने की कोशिश आखिर कैसे कर रहे हैं ? इसमें मंत्री का क्या रोल था। वे अकारण ही क्रेडिट लेने की होड़ में लगे हैं।
सुशील मोदी ने कहा कि राज्य सरकार की नियुक्तियां मुख्यमंत्री के नीतिगत निर्णय और उनकी सम्मति से हुईं जबकि राजद केवल शेखी बघारने में लगा है। राज्यसभा सांसद ने कहा कि पिछली सरकार में इस पार्टी के शिक्षा मंत्री विभागीय सचिव से लड़ते रहे, चार महीने कार्यालय नहीं गए और रामचरित मानस पर टिप्पणी कर द्वेष फैलाते रहे। शिक्षा मंत्री और सचिव आपस में लड़ते रहे और तेजस्वी यादव यहाँ शिक्षक नियुक्ति का श्रेय लेने में लगे हैं। उन्होंने पूर्व डिप्टी सीएम पर आरोप लगाते हुए कहा, “तेजस्वी यादव इसका जवाब दें कि महागठबंधन सरकार में उन्होने स्वास्थ्य मंत्री के नाते बिहार के अस्पतालों को अधमरा कर आईसीयू में भर्ती करा दिया। वे 17 महीनों में 17 डॉक्टर भी नियुक्त नहीं कर पाए।”
सुशील मोदी ने कहा, “तेजस्वी यादव न क्रिकेट में सफल हो पाए, न खेल मंत्री के नाते 17 महीनों में पटना के मोइनुल हक स्टेडियम को जर्जर हालत से उबार सके। मात्र 75 खिलाड़ियों को नौकरी देकर वे अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को नौकरी देने की नीति तो एनडीए सरकार के समय से ही लागू है, लेकिन हर बात का श्रेय वे लोग लेना चाहते हैं, जिनकी सरकार घोटाले, भ्रष्टाचार और माफियाओं को संरक्षण देने के लिए कुख्यात रहीं।”