चंपई सोरेन झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री बन चुके हैं। दो दिन के राजनीतिक उहापोह का शु्क्रवार, दो फरवरी को अंत हो गया है। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने उन्हें शपथ दिलाई। चंपई सोरेन के साथ आलमगीर आलम, सत्यानंद भोक्ता ने मंत्री पद की शपथ ली। चंपई सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा से हैं। जबकि आलमगीर आलम कांग्रेस और सत्यानंद भोक्ता राजद के विधायक हैं। सत्यानंद भोक्ता चतरा विधानसभा सीट से राजद के विधायक हैं। भोक्ता अब तक 3 बार विधायक चुने गए हैं। तीसरी बार मंत्री बने हैं।
झारखंड के मुख्यमंत्रियों का कार्यकाल
- बाबूलाल मरांडी, भाजपा : 15 नवम्बर 2000 से 18 मार्च 2003
- अर्जुन मुंडा, भाजपा : 18 मार्च 2003 2 से मार्च 2005
- शिबू सोरेन, झामुमो : 2 मार्च 2005 से 12 मार्च 2005
- अर्जुन मुंडा, भाजपा : 12 मार्च 2005 से 18 सितंबर 2006
- मधु कोडा, निर्दलीय : 18 सितंबर 2006 से 28 अगस्त 2008
- शिबू सोरेन, झामुमो : 28 अगस्त 2008 से 18 जनवरी 2009
- राष्ट्रपति शासन : 19 जनवरी 2009 से 29 दिसम्बर 2009
- शिबू सोरेन, झामुमो : 30 दिसम्बर 2009 से 31 मई 2010
- राष्ट्रपति शासन : 1 जून 2010 से 10 सितम्बर 2010
- अर्जुन मुंडा, भाजपा : 11 सितम्बर 2010 से 18 जनवरी 2013
- राष्ट्रपति शासन : 18 जनवरी 2013 से 13 जुलाई 2013
- हेमंत सोरेन, झामुमो : 13 जुलाई 2013 से 23 दिसम्बर 2014
- रघुवर दास, भाजपा : 28 दिसम्बर 2014 से 28 दिसम्बर 2019
- हेमंत सोरेन, झामुमो : 29 दिसम्बर 2019 से 31 जनवरी 2024
- चंपई सोरेन, झामुमो : 2 फरवरी 2024 से जारी
वहीं दूसरी ओर जेएमएम और कांग्रेस के 35 विधायक अब हैदराबाद जा रहे हैं। सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले तक सभी विधायक हैदराबाद में ही रहेंगे। माना जा रहा है कि जेएमएम और कांग्रेस ने विधायकों में टूट के डर से यह कदम उठाया है। सभी विधायकों को गुरुवार को ही हैदराबाद जाना था। लेकिन लो विजिबिलिटी के कारण उन्हें हैदराबाद ले जाने वाला चार्टर्ड विमान उड़ नहीं सका। इस कारण उन्हें शुक्रवार को हैदराबाद ले जाया जा रहा है।
आपको बता दें कि दो दिन पहले हेमंत सोरेन ने गिरफ्तार होने से पहले इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद चंपई सोरेन ने राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया। लेकिन उन्हें शुक्रवार को शपथ के लिए राज्यपाल ने आमंत्रित किया। इस बीच दो दिनों तक झारखंड में राजनीतिक उहापोह की स्थिति रही।
हेमंत सोरेन के बारे में अपडेट यह है कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है। ईडी की कार्रवाई के खिलाफ हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। लेकिन सुनवाई के दौरान हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा। कोर्ट ने कहा पहले हेमंत सोरेन को हाई कोर्ट जाना चाहिए था। हालांकि हेमंत सोरेन पहले हाई कोर्ट गए थे लेकिन वहां तत्काल सुनवाई नहीं हुई और आज यानी दो फरवरी की डेट दी गई। इस बीच हेमंत सोरेन ने हाई कोर्ट से याचिका वापस ले ली। अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले हाई कोर्ट जाइए।