लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इस दौरान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिले। इस पर जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि ये घटना कोई नई बात नहीं है। उपेंद्र कुशवाहा, जीतनराम मांझी और चिराग पासवान 2014 और 2015 में भाजपा के साथ थे। इन दलों ने साथ में मिलकर चुनाव भी लड़ा। सबके पास ये अवसर है कि वो अपने साथ दूसरे दलों को जोड़ें और बिहार की राजनीति की ये सच्चाई रही है। ये नई घटना नहीं हो रही है। छोटे दल ये देखते हैं कि हमें एक सीट कहां मिल जाएगी कि हमारा व्यक्तिगत स्वार्थ कहां पूरा हो जाएगा?
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प्रशांत किशोर ने पत्रकारों से बातचीत में आगे कहा कि अगर जीतन राम मांझी की पार्टी है, तो वो ये देख रहे हैं कि हमें एक सीट कहां मिल जाएगी। महागठबंधन से मिल जाएगी, तो वह महागठबंधन में रहे। भाजपा से मिल जाएगी, तो भाजपा में चले जाएंगे। यही हाल उपेंद्र कुशवाहा का भी है, जिसने भी उनको दो टिकट दे दिया, वह उसी साइड चले जाएंगे। लोजपा पार्टी भी दो धड़ों में है, कौन रहता है, क्या होता है ये उनका इंटरनल मैटर है और राजनीति में सामान्य बात है। लोकतंत्र में, चुनावी राजनीति में ये सब होते रहता है, इसे बहुत ज्यादा गंभीरता से मैं नहीं लेता हूं।