12 फरवरी को होने वाले फ्लोर टेस्ट और तेजस्वी के खेला होने की बात पर सांसद चुनाव सांसद सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि खेला होगा…। लेकिन उनकी बात में आधी सच्चाई है। खेल तो जरूर हो रहा है, तभी तो अपने विधायकों को 2 दिन से अपने घर में नजरबंद करके रखे हैं। अगर उनको लग रहा है कि उनके विधायक टूट रहे हैं, एनडीए के संपर्क में है, दोनों घटक दल के साथ में हैं। तो कल फ्लोर टेस्ट में आप देख लीजिएगा कि मुख्यमंत्री अपना बहुमत तो सिद्ध करेंगे हीं साथ ही साथ आप ये भी देख लेंगे कि राजद वाले अपने संख्या बल को भी पूरा नहीं कर पाएंगे । उन्होंने कहा कि हर विधायक आज के समय में जानना चाहता है कि हमारा सीट सिक्योर होगा कि नहीं ! यह सबसे बड़ा प्रश्न है। सारे विधायक जानते हैं कि आज के समय में पूरा देश राममय है। हम भी राममय बनकर आगे के सीट को सुरक्षित रखें। मांझी के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि मांझी जी का मन नहीं डोल रहा है। किसी का मन नहीं डोल रहा है। कल माननीय मुख्यमंत्री जी अपने नंबर से ज्यादा की संख्या में बहुमत साबित करेंगे ।
बीजेपी के हीं एक और सांसद सतीश चंद्र दुबे ने कहा कि फ्लोर टेस्ट के दौरान कोई खेल नहीं होने वाला है। उन्होंने आश्वस्त करते हुए कहा कि निश्चित रूप से नीतीश जी बहुमत प्राप्त करेंगे और एक विकसित सरकार होगी। राजद पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा उनका दिग्भ्रमित करना उद्देश्य है। हमारे पास पूर्ण बहुमत की सरकार होगी और मजबूत सरकार होगी । राजद विधायकों को कैद करने पर उन्होंने कहा कि उनको अपने आप पर भरोसा नहीं है। जीतन राम मांझी के सवाल पर दुबे ने भी मांझी पर भरोषा जताते हुए कहा कि जीतन मांझी भाजपा और एनडीए के साथ कभी खेला नहीं कर सकते। आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में 40 की 40 सीट हम जीतेंगे।
वहीँ फ्लोर टेस्ट में होने वाले खेला के सवाल पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा है कि जो खेल होना था वह हो गया है । अब कोई खेल बाकी नहीं रह गया है । हालत तो यह है की डर के मारे राजद में अपने विधायकों को तेजस्वी आवास में कैद कर रखा है । राजद के सभी विधायकों ने अपना मोबाइल बंद कर रखा है । डर तो राजद के लोगों को है और वही कह रहे है कि खेला होगा । असली खेला लोक सभा के चुनाव में होगा।
इधर आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद ने NDA पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस तरह की राजनीति जेडीयू और बीजेपी के नेता कर रहे हैं वह स्पष्ट रूप से दिख रहा है। सबसे पहले भारतीय जनता पार्टी के नेता जो दावा किया करते थे, ‘एक अकेला सब पर भारी’, उनकी यह स्थिति आ गई है कि वह अपने विधायकों को बोधगया लेकर चले गए। जिस तरह की कवायद जनता दल यूनाइटेड के नेता कर रहें हैं , और कल जिस तरह से उन लोगों के बीच बेचैनी दिखी , वह स्पष्ट रूप से समझ में आ रहा है। जो लोग जनता का विश्वास जनता का समर्थन खो चुके हैं, उनको इस बात का डर है कि हम लोग फ्लोर टेस्ट में भी जनता का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायकों का भी विश्वास कहीं न खो दें। इसलिए बेचैनी और बौखलाहट में भारतीय जनता पार्टी के नेता अपने विधायकों को लेकर बोधगया चल गए हैं तो दूसरी तरफ जदयू के नेता लगातार कवायद पर कवायद किया जा रहे हैं। लेकिन उनकी संख्या जुट नहीं पा रही है।