इसरो (ISRO) आज शाम 5:35 बजे अत्याधुनिक मौसम सैटेलाइट (Satellite) लांच करेगा। सैटेलाइट INSAT-3DS की लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर (SDSC-SHAR) के दूसरे लॉन्च पैड से जीएसएलवी-एफ14 (GSLV-F14) रॉकेट से होगी। इसे आप चार जगहों पर लाइव देख सकते हैं।
इन प्लेटफॉर्म पर इन लिंक से देखें लाइव
इसरो की वेबसाइट : isro.gov.in
फेसबुक : facebook.com/ISRO/
यूट्यूब : youtube.com/watch?v=jynmNenneFk
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लॉन्चिंग में खास क्या?
इस लॉन्चिंग से तीन बड़ी उपलब्धियां हासिल होंगी। यह GSLV रॉकेट की 16वीं उड़ान है। स्वदेशी क्रायो स्टेज की 10वीं उड़ान होगी। यह स्वदेशी क्रायो स्टेज की 7वीं ऑपरेशनल फ्लाइट होगी। सैटेलाइट का मुख्य उद्देश्य जमीन, समंदर, मौसम और इमरजेंसी सिग्नल सिस्टम की जानकारी देना है। साथ ही यह राहत एवं बचाव कार्यों में मदद करेगा।
तय ऑर्बिट में सिर्फ 18 मिनट में पहुंचेगा
GSLV-F14 रॉकेट इनसैट-3डीएस सैटेलाइट को लॉन्चिंग के 18 मिनट बाद ही उसकी तय ऑर्बिट में पहुंचा देगा। सैटेलाइट 170 किलोमीटर पेरीजी और 36647 किलोमीटर एपोजी वाली अंडाकार जीटीओ ऑर्बिट में चक्कर लगाएगा। सैटेलाइट का कुल वजन 2274 किलोग्राम है। सैटेलाइट को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (Ministry of Earth Sciences) ने फंडिंग की है। सैटेलाइट में 6 चैनल इमेजर हैं। 19 चैनल साउंडर मेटियोरोलॉजी पेलोड्स मौजूद हैं।
7वां सैटेलाइट लांच हो रहा
इनसैट-3 सीरीज के सैटेलाइट में छह अलग-अलग तरह के जियोस्टेशनरी सैटेलाइट हैं। 7वां सैटेलाइट आज लांच हो रहा है। इनसैट सीरीज के पहले की सभी सैटेलाइट को साल 2000 से 2004 के बीच लांच किया गया था, जिससे संचार, टीवी ब्रॉडकास्ट और मौसम संबंधी जानकारियां मिल रहीं थीं। इन सैटेलाइट में 3ए, 3डी और 3डी प्राइम सैटेलाइट के पास मौसम संबंधी यंत्र लगे हैं।
मौसम की सटीक जानकारी जरूरी
यह सभी यंत्र भारत एवं उसके आसपास के मौसमी बदलावों की सटीक और समय से पहले जानकारी देते हैं। इनमें से हर एक सैटेलाइट ने भारत एवं उसके आसपास के इलाकों में संचार और मौसम संबंधी तकनीकों को विकसित करने में मदद की है। इन सैटेलाइट्स का संचालन इसरो के साथ भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) करता है।