कांग्रेस के सभी नाराज विधायक झारखंड से बाहर जाने की तैयारी कर रहे हैं, जानकारी के मुताबिक 2 बजे के बाद सभी विधायक एकजुट होंगे।
कांग्रेस के नाराज विधायक शाम 4:40 की फ्लाइट से दिल्ली जायेंगे। वैसे तो उनका दिल्ली से जयपुर जाने का भी प्लान है, लेकिन एक बार दिल्ली पहुंचकर फाइनल डिस्कशन होगा। फिर तय होगा की कहा जायेंगे ! दिल्ली में उनकी दिल्ली आला कमान से भी मुलाकात हो सकती है।
आको बता दें कि झारखंड में नए मंत्रिमंडल विस्तार के बाद से कांग्रेस के 12 विधायक नाराज़ चल रहे हैं। चंपई सोरेन सरकार में मंत्री पद को लेकर झारखंड कांग्रेस में मतभेद होने के साथ पार्टी में फूट पड़ती दिख रही है। दरअसल कांग्रेस के 12 विधायक मंत्रिमंडल में पुराने चेहरों को ही फिर से मंत्री बनाए जाने को लेकर नाराज हैं। मीडिया बातचीत में विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा, “कांग्रेस कोटे के मंत्री ने लंबे समय तक काम नहीं किया। इससे जनता नाराज है। मंत्रिमंडल में फेरबदल होना चाहिए। हमलोगों ने अपनी भावनाओं को लेकर आलाकमान को अवगत करा दिया है। उन्होंने कहा कि जो आश्वासन दिया गया था, उसे पूरा किया जायेगा।”
वहीं, मीडिया से बातचीत में नाराज़ कांग्रेस विधायक अनूप सिंह ने कहा है कि पत्र के जरिए हमने अपनी चिंता पीसीसी अध्यक्ष राजेश ठाकुर के साथ साझा की है। उन्होंने कहा कि शपथग्रहण समारोह में शामिल होने का ये मतलब कतई नहीं है कि हम अपनी मांगों को भूल गए हैं। हमारी मांगे बरकरार हैं और पार्टी को अपनी परेशानी से अवगत कराने की कोशिश कर रहे हैं।
देखा जाए तो झारखंड में केवल कांग्रेस विधायक ही नहीं बल्कि जेएमएम विधायक भी नई सरकार के गठन के बाद से नाराज चल रहे हैं। मंत्रिमंडल में जगह न मिलने से नाराज जेएमएम विधायक बैद्यनाथ राम ने बताया, ”मुख्यमंत्री ने घर पर बुलाया और कहा कि कांग्रेस का बहुत दबाव है। ऐन वक्त पर कांग्रेस के दबाव के चलते मुझे मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया। मेरा नाम राजभवन गया था। मेरा अपमान हुआ है। मैं जल्द ही कोई बड़ा फैसला ले सकता हूं, जो चौंकाने वाला होगा।”
संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक झारखंड में मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 12 मंत्री हो सकते हैं। इससे पहले 5 फरवरी को झारखंड के सीएम चंपई सोरेन के नेतृत्व वाली जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन सरकार ने विश्वास मत जीत लिया था जिसमे राज्य विधानसभा के 81 सदस्यों में 47 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया था जबकि 29 विधायकों ने इसका विरोध किया था। चम्पई की गठबंधन सरकार में अभी जेएमएण के 29, कांग्रेस के 17 और आरजेडी का 1 विधायक है। वहीं, विरोधी खेमे में बीजेपी के 26 और आजसू पार्टी के 3 विधायक हैं। 2 निर्दलीय विधायकों के अलावा राकांपा और सीपीआई (एमएल) के एक-एक विधायक भी हैं।