मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की अगुवाई में 11 सदस्यीय टीम तीन दिनों के बिहार दौरे पर आ चुकी है। राजनीतिक दलों के साथ मीटिंग भी हुई है। इसमें राजद, कांग्रेस, भाकपा माले और जदयू ने अपनी अपनी बात चुनाव आयोग की टीम के सामने रखी हैं। इसमें राजद, कांग्रेस और भाकपा माले की मांग एक ही है। जबकि जदयू ने अलग ही प्रस्ताव दिया है।
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दरअसल, राजद, कांग्रेस और भाकपा माले ने बैलट पेपर पर चुनाव कराने का आग्रह किया है। साथ ही यह भी प्रस्ताव दिया है कि ईवीएम से चुनाव होने की स्थिति में पहले पोस्टल बैलट की गणना हो। माले का एक प्रस्ताव यह भी है कि दलितों की बस्ती में बूथ बनाने या फिर चलंत बूथ के इंतजाम किए जाएं।
वहीं जदयू की ओर से उसके पूर्व अध्यक्ष ललन सिंह ने चुनाव आयोग से चुनाव के चरणों को कम करने का प्रस्ताव दिया है। जदयू का कहना है कि अधिक चरणों में चुनाव प्रत्याशियों पर खर्च का बोझ बढ़ाते हैं। इसलिए लोकसभा चुनाव अधिकतम 3 चरणों में हों। बता दें कि पिछला लोकसभा चुनाव 7 चरणों में हुआ था और बिहार में सभी 7 चरणों में वोटिंग हुई थी।
जबकि राजद के प्रस्ताव में एक पोलिंग बूथ पर वोटर्स की संख्या को कम करना भी शामिल है। राजद का कहना है कि एक पोलिंग बूथ पर करीब 1500 वोटर्स आते हैं, उन्हें घटाकर 1000 किया जाए।