बिहार में जमीन खरीद-बिक्री की प्रक्रिया बदल गई है. निबंधन विभाग द्वारा किसी भी जमीन की खरीद-बिक्री करने का अधिकार उसी व्यक्ति को दिया गया है जिसके नाम से जमीन की जमाबंदी होगी. सरकार द्वारा यह कदम जमीन की खरीद बिक्री के दौरान होने वाले फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के लिए उठाया गया है. दरअसल, निबंधन विभाग द्वारा जमीन की खरीद बिक्री के संबंध में पूर्व में लाये गये कानून पर पटना उच्च न्यायालय के द्वारा रोक लगा दिया गया था. परंतु, उप निबंधन महानिरीक्षक के पत्र के अनुसार 9 फरवरी को रोक हटाते हुए आदेश पारित कर दिया गया. जिसके बाद जमीन रजिस्ट्रकरण की नयी व्यवस्था लागू हो गयी है.
- आवेदन:
- जमीन रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से किए जा सकते हैं।
- ऑनलाइन आवेदन के लिए, आवेदकों को बिहार सरकार की ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर जाना होगा।
- ऑफलाइन आवेदन के लिए, आवेदकों को संबंधित निबंधन कार्यालय में जाना होगा।
आवश्यक दस्तावेज:
- जमीन के स्वामित्व का प्रमाण
- पहचान पत्र
- पते का प्रमाण
- विक्रेता और खरीदार का सहमति पत्र
- अन्य आवश्यक दस्तावेज
शुल्क:
- जमीन रजिस्ट्रेशन के लिए शुल्क जमीन के मूल्य और अन्य कारकों के आधार पर निर्धारित किया जाएगा।
- शुल्क का भुगतान ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है।
प्रक्रिया:
- आवेदन जमा करने के बाद, संबंधित निबंधन कार्यालय द्वारा इसकी जांच की जाएगी।
- जांच के बाद, यदि आवेदन सही पाया जाता है, तो जमीन रजिस्ट्रेशन के लिए एक तारीख तय की जाएगी।
- तय तारीख पर, विक्रेता और खरीदार को निबंधन कार्यालय में उपस्थित होना होगा।
- सभी आवश्यक दस्तावेजों और शुल्क का भुगतान करने के बाद, जमीन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
लाभ:
- जमीन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाना।
- जमीन धोखाधड़ी को रोकने में मदद करना।
- जमीन के मालिकों के अधिकारों की रक्षा करना।