बिहार की शिक्षा व्यवस्था में तेजी से सुधार देखने को मिल रहा है। अपर मुख्य सचीव केके पाठक द्वारा लिए गए फैसलों से स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है। इसमें और सुधार लाने के लिए अब बीपीएससी से नियुक्त किए हए शिक्षकों का सर्वे होगा। इस सर्वे से पता लग पाएगा कि जो ट्रेनिंग बीपीएससी शिक्षकों को दी गई, उसे धरातल पर उतार जा रहा है या नहीं। इसके लिए एक एप का निर्माण किया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार, बीपीएससी शिक्षकों के निगरानी के लिए एससीईआरटी द्वारा एक एप बनाया जा रहा है। जिसमें शिक्षकों को ट्रेनिंग के दौरान दी गई सभी जानकारी को लेकर फीडबैक लिया जाएगा। इसके लिए शिक्षकों को कई सवालों का जवाब देना होगा। जिससे पता लग सकेगा कि वह ट्रेनिंग कितनी कारगर साबित हुई और शिक्षक उसे स्कूलों में अप्लाई कर रहे है या नहीं।
इस संबंध में शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि एप में एक प्रश्न माडल को तैयार किया जाएगा, जिसका जवाब शिक्षकों को देना होगा। वहीं, उनके जवाब के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर विभाग को भेजा जाएगा। एप के माध्यम से स्कूल के प्रधानाध्यापकों को भी सभी सवालों का जवाब देना होगा। साथ ही इस एप के माध्यम शिक्षक भी अपनी ओर से फीडबैक दे सकेंगे। इस एप को एससीईआरटी द्वारा नज एप पर फीड कर दिया जाएगा। फिर जिला स्तर पर एक विशेष निगरानी टीम बनाई जाएगी। जिन्हें यह प्रश्न माडल भेज दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि एप पर प्रगति ट्रैकर के साथ-साथ, सुरक्षित मैसेजिंग, लीडरबोर्ड और डिजिटल नोट्स की सुविधा होगी। इसमें दिए गए सुरक्षित मैसेजिंग का इस्तेमाल कर शिक्षक अपना फीडबैक दे सकेंगे. वे बता पाएंगे कि उन्हें पढ़ाने में क्या समस्या आ रही है। साथ ही जो सवाल पूछे जाएंगे, अगर शिक्षक उसका जवाब नहीं दे पाते हैं, तो उन्हें वजह बतानी होगी।