[Team insider] कोयला खदानों से अवैध खनन का धंधा युद्ध स्तर पर सालों से चल रहा है। हजारों की संख्या में लोग कोयला काटने के लिए बंद पड़े खदानों में जान जोखिम में ड़ालकर उतरते हैं। इस दौरान हर दिन कहीं ना कहीं दुर्घटना होती और लोगों की जान चली जाती है। दरअसल एक ऐसा ही खौफनाक मामला धनबाद के निरसा पुलिस अनुमंडल क्षेत्र से आया है। बीसीसीएल और ईसीएल की बंद कोयला खदानों में अवैध खनन के दौरान मंगलवार सुबह तीन अलग-अलग घटनाओं में लगभग 9 लोगों की मौत हो गई। कई के कोयले के नीचे दबे होने की आशंका है। हादसे के बाद पुलिस मामले की लीपापोती में जुट गई है।
अवैध ढंग से कोयला चुनने वालों में भगदड़ मच गयी
मुगमा और पंचेत इलाके में अवैध कोयला खनन के दौरान चाल धंसने से कई लोगों की मौत हो गई। बीसीसीएल सीवी एरिया के बंद पड़े आउट सोर्सिंग सी पेंच कोयला तस्करी के दौरान चाल धंसने से तीन लोगों की मौत हो गई। दूसरा हासदा कापासारा आउटसोर्सिंग में हुआ। निरसा थाना क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाली कापासारा आउटसोर्सिंग परियोजना में मंगलवार की अहले सुबह करीब पांच बजे आउटसोर्सिंग खदान में अवैध मुहाना से कोयला उत्खनन करने के दौरान चाल गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई। जबकि तीसरी घटना पांचेत ओपी क्षेत्र के बसंतिमाता कोलियरी के सी पैच के समीप का है जहां तीन लोगों की मौत हो गई है। वहीं इस घटना को देख आउटसोर्सिंग में अवैध ढंग से कोयला चुनने वालों में भगदड़ मच गई और आउटसोर्सिंग परियोजना में सन्नाटा पसर गया।
सहयोगियों ने मलवा से निकाल कर सभी शव ले भागे
इसीएल, आउटसोर्सिंग प्रबंधन व स्थानीय प्रशासन ने ऐसी किसी प्रकार की घटना से इन्कार किया है। मंगलवार की अहले सुबह रोजाना की भांति सैकड़ों की संख्या में लोग कोयला उत्खनन करने खदान में उतरे। इसी दौरान रावण सीढ़ी नामक स्थान के समीप बने मुहाना के अंदर लोग कोयला काट रहे थे। इसी दौरान अचानक चाल गिर पड़ा। इसकी चपेट में आने से तीन लोगों की मौत घटनास्थल पर हो गई। उनके सहयोगियों ने मलवा से निकाल कर सभी शव ले भागे। सभी मृतक दूसरे जिलों का रहने वाले बताये जा रहे हैं। घटना के बाद से ही पूरे निरसा में हड़कंप सा मच गया है वही कोयला चोरों के बीच भय का माहौल बना हुआ है।
मौत का कोई सटीक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है
अवैध खनन में शामिल कितने लोगों की प्रतिवर्ष मौत हो जाती है। इसका कोई सटीक आंकड़ा इसलिए उपलब्ध नहीं है क्योंकि जब भी अवैध खनन के मामले सामने आते हैं, तो खुद खनन में शामिल परिवार जल्द से जल्द लाश को वहां से निकालकर भागना चाहते हैं और उसका क्रियाकर्म करना चाहते हैं। वजह यह है कि वे एक गैरकानूनी काम में शामिल होते हैं। कई बार तो अवैध खनन के दौरान मौत हो जाने पर दाह-संस्कार भी संभव नहीं हो पाता है. वहीं अगर घटना बड़ी हो और मामला प्रकाश में आ जाये तो बस इतना ही होता है कि संबंधित लोगों के परिजनों को लाश सौंप दी जाती है और मामला खत्म।