केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार दौरे पर शनिवार, 9 मार्च को पटना पहुंच गए हैं। गृह मंत्री का यह एक दिवसीय दौरा है। इस दौरान उन्होंने जगदेव पथ में दिवंगत भाजपा नेता कैलाशपति मिश्रा की प्रतिमा का अनावरण भी किया। इसके बाद वे पालीगंज में सभा को संबोधित करेंगे। बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद अमित शाह पहली बार पटना आए हैं। इस दौरान वे कृषि फॉर्म हाउस ग्राउंड में पिछड़ा-अतिपिछड़ा महा सम्ममेलन को संबोधित करेंगे।
दिवंगत भाजपा नेता कैलाशपति मिश्र की प्रतिमा का अनावरण
बिहार की राजधानी पटना आने के बाद आज सबसे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने जगदेव पथ में भाजपा के दिवंगत नेता कैलाशपति मिश्रा की प्रतिमा का अनावरण किया। माना जा रहा है कि भाजपा कैलाशपति के इस मूर्ति अनावरण के माध्यम से प्रदेश के सवर्ण वर्ग को अधिक से अधिक संख्या में अपने खेमे में लाना चाहती है।
बिहार भाजपा के सृजनकर्ता कैलाशपति मिश्रा
दिवंगत नेता कैलाशपति मिश्र को ‘भाजपा का भीष्म पितामह’ और ‘बिहार का अटल’ जैसे शब्दों से सम्मानित किया जाता है। 1980 में जब जनसंघ से बीजेपी अलग हुई, तब। उस वक्त बीजेपी में ज्यादातर नेता जनसंघ के हीं थे। पार्टी RSS की पद्धति पर ही चलती थी। उस वक्त कैलाशपति मिश्रा वो नेता थे जिन्होंने बिहार में बीजेपी का बीज बोया। कैलाशपाति मिश्रा तब बड़े नेताओं में जाने जाते थे, लेकिन गांव-गांव, खेत-खेत रिक्शे से ही चला करते थे। एक संस्मण सुनाते हुए रामसागर सिंह बताते हैं कि कैलाशपति मिश्रा रिक्शे से मोकामा आए थे। उस वक्त हाई स्कूल में केमिस्ट्री पढ़ाने वाले मास्टर थे भीम सिंह। जिनके घर पर बीजेपी की बैठक हुई थी। रामसागर सिंह कहते हैं कि उस वक्त हम लोग साइकिल से हाथीदह रवाना हुए। कैलाशपाति मिश्रा के बुलावे पर एक बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं का समूह साइकिल से हाथीदह पहुंचा था। यहां पर बैठक बुलाई थी।