ED यानी प्रवर्तन निदेशालय के समन को कई राज्यों में राजनीतिक दलों के अलग अलग मत हैं। झारखंड में हेमंत सोरेन 9 समन के बाद ईडी के सामने हाजिर हुए। और दूसरी पेशी में गिरफ्तार हो गए। वहीं दिलली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी ईडी के 9 समन के बाद भी पेश नहीं हुए हैं। बिहार में लालू यादव, तेजस्वी यादव से लेकर लालू परिवार के दूसरे सदस्यों का भी ईडी के समन को राजनीति से प्रेरित बताते रहे हैं। लेकिन केरल हाई कोर्ट ने ईडी के समन पर बड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि “अगर ईडी मुझे समन भेजती है, तो मुझे भी जाना होगा। कोई भी किसी से भी ऊपर नहीं है। समन का जवाब दें। अगर किसी को जांच एजेंसियां समन भेजती हैं, तो उन्हें पेश होना ही चाहिए।”
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दरअसल, केरल हाई कोर्ट के जस्टिस देवन रामचंद्रन एक याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सुनवाई के दौरान जस्टिस रामचंद्रन ने कहा कि “उनके विचार से भले ही कोई व्यक्ति किसी भी पद पर हो, लेकिन अगर ईडी ने तलब किया है, तो उसे जाना चाहिए। ईडी का सहयोग करें। वो आपके खिलाफ जो ऐक्शन लेंगे, उसे मैं नियंत्रित करूंगा। ईडी के सामने पेश हो और यहां वापस आएं। मैं आपकी मदद करूंगा।” उन्होंने आगे कहा, ‘समन से बचे नहीं। यह बात सिर्फ इस मामले में ही नहीं, बल्कि मेरी एक राय है। सुप्रीम कोर्ट भी कहता है कि जब जांच अधिकारी समन भेजते हैं, तो हम उनसे बच नहीं सकते। हम सभी नागरिक हैं। अगर ईडी मुझे समन भेजती है, तो मुझे भी जाना होगा। कोई भी किसी से भी ऊपर नहीं है। प्लीज समन का जवाब दें।’
आपको बता दें कि यह याचिका ई-कॉमर्स कंपनी ‘Webmep Traders’ के प्रशांत पी नायर की तरफ से दाखिल की गई थी। उनकी कंपनी साल 2020 से ‘Highrich Online Shoppee’ को अकाउंटिंग कंसल्टेंसी में काम कर रही थी। दोनों कंपनियों के बीच अगस्त 2022 में एग्रीमेंट रिन्यू नहीं होने के चलते लेनदेन बंद हो गया। इसके बाद हाईरिच की ईडी ने जांच शुरू की और नायर के बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए और उन्हें समन भी जारी किए गए। इसके बाद नायर ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की और बैंक खातों को बहाल करने की मांग की। रिपोर्ट में ईडी की हवाले से बताया गया है कि जब नायर को तलब किया गया, तो वे पेश नहीं हुए। इसी मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों की सहमति से नायर को 12 मार्च को जांच एजेंसी के सामने पेश होने के निर्देश दिए। साथ ही इस संबंध में 19 मार्च तक कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करने के लिए भी कहा गया है।