रमजान का पाक महीना एक बार फिर शुरू हो गया है, जो अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक चलेगा। इस बार सबसे बड़ा रोजा लगभग 14 घंटे का होगा, और पहला रोजा 13 घंटे 10 मिनट का होगा। रमजान के पूरे माह में रोजे की अवधि लगभग 50 मिनट बढ़ेगी।
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रोजेदार मो इम्तियाज खान के अनुसार, रमजान का महीना अत्यंत बरकतों वाला महीना है। इस्लाम की पांच बुनियादी बातों में से एक रमजान के महीने में रोजा रखना है। रोज़ा अल्लाह के हुक्म से और उसके लिए रखा जाता है। अल्लाह ने बताया है कि रोज़ा रखने का मकसद तक़वा हासिल करना और परहेजगार बनना है।
तक़वा अरबी भाषा का शब्द है, और इस्लामी परिभाषा में इसका मतलब है अल्लाह के हुक्म के मुताबिक अमल करने और गुनाहों को छोड़ देने का।
इस महीने में हर मुसलमान को चाहिए कि रोज़ा रखे, और अपने आस-पास के गरीब और लाचार लोगों की मदद करे। इस महीने में हर नेक काम का सवाब 70 गुना ज्यादा मिलता है, इसलिए इस महीने में खूब सारी इबादत करना चाहिए, जैसे कि रोज़ा, नमाज़, और तरावीह पढ़ना। अल्लाह अपने बंदों से रोज़ा से इम्तिहान लेते हैं, और बालिग बच्चे, बड़े, और बुजुर्ग सभी शिद्दत से रोज़ा रखते हैं।
गर्मी में रोज़ा रखते समय:
- कम खाना और पानी ज्यादा पीना चाहिए।
- गैस की शिकायत से बचने के लिए केला, शरबत, दूध, लस्सी, और नारियल पानी पर्याप्त मात्रा में लेना चाहिए।
- नमक का सेवन कम करना चाहिए।
तरावीह की नमाज:
शहर के सभी मस्जिदों में ईशा की नमाज के बाद अपने-अपने समय से तरावीह की नमाज होगी। तरावीह की नमाज लगभग तीन घंटे की होती है।
रमजान का महीना:
- आत्म-संयम और अनुशासन का समय
- गरीबों और जरूरतमंदों के प्रति सहानुभूति का समय
- आध्यात्मिकता और आत्म-चिंतन का समय
- परिवार और समुदाय के साथ एकजुट होने का समय