हाल में देश भर में लागू हुए CAA ( नागरिकता संशोधन कानून) के मुद्दे पर अब AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उन्होंने CAA के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में ओवैसी ने नागरिकता संशोधन कानून को लागू करने पर रोक लगाने की मांग की है। ओवैसी ने याचिका में मांग की है कि सीएए कानून के तहत किसी को भी नागरिकता न दी जाए।
ओवैसी ने CAA पर आपत्ति जताते हुए ये आरोप लगाया कि सीएए से उत्पन्न बुराई केवल नागरिकता प्रदान करने को कम करने में से एक नहीं है, बल्कि नागरिकता से इनकार करने के परिणामस्वरूप उनके खिलाफ चुनिंदा कार्रवाई करने के लिए एक अल्पसंख्यक समुदाय को अलग-थलग करना है। उन्होंने कोर्ट से अपील की है कि निर्देश जारी करें कि इन कार्यवाहियों के लंबित रहने के दौरान, किसी भी व्यक्ति को नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 2(1)(बी) के प्रावधानों का सहारा लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी क्योंकि यह नागरिकता द्वारा संशोधित है।
इसके साथ हीं ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के सामने NRC का मुद्दा भी उठाया है। उन्होंने अदालत में याचिका दायर करके अपील की है कि CAA के कार्यान्वयन पर तत्काल रोक लगाई जाए। AIMIM चीफ ने कोर्ट से कहा कि CAA के बाद देश में NRC को लागू करने की भी बात चल रही है। ओवैसी ने इन दोनों (CAA और NRC) को ‘अपवित्र गठजोड़’ बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि NRC के जरिए भारतीय मुसलमानों को निशाना बनाए जाने की योजना है।
बताते चलें कि केंद्र सरकार ने साल 2019 में पास हुए कानून नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA ) को अब लागू कर दिया है। देखा जाए तो साल 2019 से हीं इसको लेकर विरोध भी देखने को मिल रहा है।