केंद्र सरकार ने एक बड़े फैसले में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (यासीन मलिक गुट) को अगले 5 साल के लिए गैरकानूनी संगठन घोषित कर दिया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी.
गृह मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में जेकेएलएफ (यासीन मलिक गुट) लिप्त है. केंद्र सरकार ने चेतावनी दी है कि अगर जेकेएलएफ देश की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा बनता है तो उस पर कड़े कानूनी कदम उठाए जाएंगे.
यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर पीपुल्स फ्रीडम लीग (जेकेपीएल) पर हिंसा के जरिए अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए लगाए गए प्रतिबंध के बाद की गई है. अपने पोस्ट में गृह मंत्री शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का समर्थन करके और अलगाववाद को बढ़ावा देकर जेकेपीएल ने भारत की अखंडता को खतरे में डाला है. गृह मंत्रालय ने मुख्तार अहमद वाजा, बशीर अहमद भट, गुलाम मोहम्मद खान और अजीज शेख के नेतृत्व वाले जेकेपीएल के चार गुटों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.
देश की सुरक्षा के प्रति कठोर रुख को दोहराते हुए, गृह मंत्री शाह ने कहा कि देश की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता को चुनौती देने वालों को कड़े कानूनी परिणाम भुगतने होंगे. उन्होंने एक अलग पोस्ट में यह भी कहा कि मोदी सरकार आतंकी गतिविधियों में शामिल लोगों और संगठनों को कतई बख्शेगी नहीं.