लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही बिहार सहित पूरे देश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। आयोग ने सभी राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और प्रचारकों के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। इन नियमों के तहत, किसी भी दल या नेता को जाति या धर्म के आधार पर वोट मांगने की इजाजत नहीं होगी।
बिहार में हाल ही में जाति आधारित जनगणना को लेकर काफी चर्चा हुई थी। कई दल इसे अपने घोषणा पत्र में शामिल करने की बात कर रहे थे। लेकिन अब आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद अब कोई भी दल या नेता मतदाताओं को जाति या धर्म के आधार पर वोट देने के लिए अपील नहीं कर सकता।
आदर्श आचार संहिता के मुख्य नियम
- मतदाताओं को भ्रमित करने के लिए बिना तथ्यों के बयानबाजी नहीं कर सकेंगे।
- किसी भी नेता को बिना सबूत के आरोप नहीं लगाने होंगे और न ही झूठे बयान दे सकेंगे।
- विपक्षी दलों या उनके नेताओं पर व्यक्तिगत हमले या उनकी निजी जिंदगी के बारे में टिप्पणी करने से बचना होगा।
- चुनाव प्रचार के लिए धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
- किसी भी राजनीतिक दल या नेता को महिलाओं की मर्यादा और सम्मान के खिलाफ कोई भी काम नहीं करना चाहिए।
- चुनाव के दौरान किसी भी जाति, समुदाय, धर्म या भाषा समूह के बीच मतभेद पैदा करने वाले बयान या गतिविधियों से बचना जरूरी है।
- सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग नहीं किया जा सकता।
- चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित प्रचार के तरीकों का ही इस्तेमाल करना होगा।