कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ जाने वाले कांग्रेसी नेताओं की संख्या बढ़ती जा रही है। पहले भी कई नेता कांग्रेस छोड़कर जा चुके हैं तो कुछ कांग्रेस में रहकर भी राहुल गांधी के विरोध से पीछे नहीं हट रहे। लेकिन इस बार कांग्रेसी नेता ने जिस बात पर राहुल गांधी का विरोध किया है, वो मुद्दा सबसे बड़ा झटका है। राहुल गांधी जातीय गणना को देश की जरुरत बता रहे हैं। लेकिन कांग्रेस नेता आनंद शर्मा का कहना है कि यह नेहरु-इंदिरा का अपमान है।
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राहुल गांधी ने जातीय जनगणना की मांग के साथ यह वादा किया है कि अगर सत्ता में कांग्रेस आई तो वे खुद इसे कराएंगे। लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने इसी मुद्दे पर राहुल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आनंद शर्मा का कहना है कि “जाति गनगणना कोई रामबाण नहीं है।’ उन्होंने इसे ‘इंदिरा और राजीव गांधी की विरासत का अपमान’ बताया।
आनंद शर्मा ने सिर्फ जातीय गणना का विरोध ही नहीं किया है बल्कि इसको लेकर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र भी लिखा है। इसमें आनंद शर्मा ने कहा है कि “जातीय जनगणना की मांग को पार्टी के पूर्व नेताओं और इंदिरा गांधी व राजीव गांधी जैसे पूर्व प्रधानमंत्रियों का अनादर करने के रूप में समझा जा सकता है।”
आनंद शर्मा ने किया राहुल गांधी के स्टैंड का विरोध
दरअसल, आनंद शर्मा का यह वार सीधे राहुल गांधी पर है। क्योंकि कांग्रेस ने ‘हिस्सेदारी न्याय’ के तहत जाति जनगणना कराने और आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा खत्म करने की ‘गारंटी’ दी है। खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी इससे सहमत है। इसे राहुल गांधी की मुहिम के तौर पर पार्टी ले रही है। लेकिन आनंद शर्मा के विरोध के बाद कांग्रेस का अंतरकलह खुलकर सामने आ गया है।
आनंद शर्मा ने खड़गे को भेजे अपने पत्र में इंदिरा गांधी के 1980 के नारे “ना जात पर न पात पर, मोहर लगेगी हाथ पर” का भी उल्लेख किया है। साथ ही यह भी कहा है कि 1990 में राजीव गांधी ने जातिवाद को चुनावी मुद्दा बनाने का विरोध किया था।