बिहार की पॉलिटिक्स हमेशा चर्चा में रहती है। अब लोकसभा चुनाव को लेकर भी बिहार की पॉलिटिक्स पर सबकी नजर है। ऐसे में गठबंधन में अभी तक सीट की घोषणा नहीं की गई है। वहीं इस बीच लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान बुधवार को NDA के नेताओं के साथ जमुई में बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि जो आशीर्वाद आपलोगों ने मुझे दिया। वहीं आशीर्वाद अरुण भारती पर भी बनाए रखेंगे।
चिराग ने कहा कि सारे राजनीतिक स्थिति आप लोगों के सामने है। मैं बहुत लड़ाई लड़ रहा हूं। मेरी राजनीतिक लड़ाई एक तरफ, मेरे घर परिवार पार्टी को लेकर मेरी लड़ाई पिछले दो ढाई सालों से चल रही है, जो आप सबके सामने है। मेरी जिंदगी सही मायने में एक ऐसी खुली किताब है। जिसे हर एक पन्ना मुझसे बेहतर बाकी सब ने पढ़ा है। कब मेरे साथ धोखा हुआ। कब मेरे साथ षड्यंत्र हुआ। कब मेरे साथ परिवार में टूट हुआ। इसके बाद का मेरा संघर्ष आप लोगों से नहीं छुपा है।
ऐसे में आज जब हाजीपुर जा रहा हूं। उस लड़ाई के तहत एक और जीत को हासिल करने और सही मायनों में मुझे मेरे पिता के जाने के बाद उनके नाम के साथ जोड़ने के लिए भी मुझे संघर्ष करना पड़ेगा। लेकिन आज जब पार्टी को कहीं न कहीं किस पड़ाव पर सफलता हासिल हुई है, उसको और मजबूत करने के लिए बड़ी जिम्मेदारी निभाने वहां जा रहा हूं। जमुई के प्रति अपनी जिम्मेदारियां से मुंह नहीं मोड़ रहा हूं।
चिराग ने आगे कहा कि मैं ये वादा आपलोगों से करता हूं कि मुझसे भी ज्यादा इस क्षेत्र की समस्याएं ये संसद में उठाएंगे। जमुई का नेता नहीं, बेटा बनकर यहां के लोगों की सेवा करेंगे। मुझसे भी बेहतर सांसद साबित होंगे। जिस ढंग से आपलोगों ने मुझ पर अधिकार जताया, उतना ही अधिकार अब आपका अरुण भारती पर है। मुझे पूरा यकीन है कि पूरे समर्पण भाव से ये जमुई लोकसभा क्षेत्र की जनता की सेवा करेंगे। कहीं भी और कभी भी आपको शिकायत का मौका नहीं देंगे। कल नमाकांकर के पहले एनडीए के हर एक घटक दल के साथ एक बैठक की जाए।
चिराग पासवान ने कहा कि युवाअवस्था में आया था, बुजुर्ग बनकर जाऊंगा। यह वह माध्यम है, कोई और होते तो शायद वह नेता सांसद, राष्ट्रीय अध्यक्ष का रिश्ता होता। लेकिन यहां पर बहन का रिश्ता है। जीजा हैं हमारे जो कार्य अभी भी अधूरे हैं, उनको मैं पूरा कर पाऊंगा। मैं एक बड़ी जिम्मेदारी निभाने जा रहा हूं। हाजीपुर हमारे पिताजी की कर्म-भूमि उनके अधूरे कार्यों को पूरा करने जा रहा हूं। ऐसे में मेरी कर्म-भूमि और मेरी अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए मेरे जीजा से बेहतर कौन होगा।