बिहार महागठबंधन में लोकसभा सीटों का अब तक बंटवारा नहीं हो पाया है। दिल्ली में बैठकों का दुआर जारी है लेकिन कुछ सीटों को लेकर राजद और कांग्रेस के बीच मामला फंसा हुआ है। औरंगाबाद और पूर्णिया के बाद अब वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट पर भी घमासान छिड़ गया है। बताया जा रहा है कि उत्तर बिहार की वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट आरजेडी इस बार कांग्रेस को नहीं दे रही है।
बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा ने इस पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से पूछा कि बिहार में सीट बंटवारा आरजेडी की मर्जी पर क्यों छोड़ दिया गया। यह बहुत ही निराशाजनक है। अनिल शर्मा ने बीते 24 घंटे के भीतर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक के बाद एक कई पोस्ट किए। इसमें उन्होंने कहा कि कांग्रेस को बिहार में आरजेडी 9 सीटें देने जा रही है। 9 सीटें मिलना राहत की बात है, लेकिन औरंगाबाद, नवादा, बेगूसराय, बक्सर और खास तौर पर वाल्मीकि नगर जैसी सीटों को आरजेडी की मर्जी पर छोड़ने निराशा की बात है। वाल्मीकि नगर से कांग्रेस पिछली बार महज 22 हजार वोटों से चुनाव हारी थी।
अनिल शर्मा ने कहा कि बिहार के कांग्रेस नेता बेहतर संभावना वाली वाल्मीकि नगर सीट को आरजेडी के लिए छोड़े जाने के बारे में जानकर पूरी तरह हताश हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आलाकमान पूर्णिया और बेगूसराय जैसी सीटों को पाने के लिए सीट बंटवारे में आखिरी दम तक प्रयास कर रहा है। मगर औरंगाबाद और वाल्मीकि नगर जैसी सीटों को ऐसे ही छोड़ दिया गया।
बता दें कि बिहार की औरंगाबाद और पूर्णिया लोकसभा सीट आरजेडी ने इस बार कांग्रेस को नहीं दी है। औरंगाबाद से कांग्रेस नेता निखिल कुमार के समर्थकों ने आरजेडी के खिलाफ हल्ला बोला हुआ है। आरजेडी ने यहां से अभय कुशवाहा को टिकट दिया है। वहीं, पूर्णिया लोकसभा सीट पर भी आरजेडी ने विधायक बीमा भारती को उतार दिया है, जबकि कांग्रेस से पूर्व सांसद पप्पू यादव यहां से चुनाव लड़ने की मांग कर रहे थे। वाल्मीकि नगर से पत्रकार से नेता बने प्रवेश मिश्रा टिकट के प्रबल दावेदार थे। वे पहले भी यहां से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं।