बिहार में अपनी राजनीतिक नाव को किनारे लगाने की मुकेश सहनी की कोशिश एक बार फिर नाकाम हो गई है। महागठबंधन ने सीट शेयरिंग तो घोषित कर दी लेकिन इसमें मुकेश सहनी की कोई चर्चा नहीं हुई। मुकेश सहनी की करीबी इन दिनों महागठबंधन में बढ़ने की चर्चा तो चल रही थी लेकिन सीट शेयरिंग में इसका कोई लाभ सहनी को नहीं मिला।
राजद, कांग्रेस और वाम दलों ने बिहार की 40 लोकसभा सीटों को अपने में बांट लिया है। राजद को 26 सीटें मिली हैं। जबकि कांग्रेस के खाते में 9 सीटें आई हैं। वहीं वामदलों को 5 सीट पर चुनाव लड़ना है। इसमें मुकेश सहनी को एंट्री नहीं मिली। जबकि चर्चा थी कि राजद मुकेश सहनी को अपने खाते से सीट दे सकता है।
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एनडीए में जाने की कोशिश भी नाकाम
वैसे बिहार में अपनी राजनीतिक जमीन वापस लेने की जुगत में मुकेश सहनी ने पहले एनडीए में जाने का प्रयास किया था। लेकिन वह कोशिश सफल नहीं हो सकी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चर्चा थी कि सहनी की पार्टी विकासशील इंसान पार्टी (Vikassheel Insaan Party) को लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में महागठबंधन तीन सीटों पर चुनाव लड़ने का ऑफर दे सकता है। लेकिन अब लग रहा है कि एनडीए की तरह महागठबंधन ने भी सहनी को भाव नहीं दिया।
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वैसे लोकसभा चुनाव 2019 में मुकेश सहनी ने महागठबंधन से चुनाव लड़ा था। तब उनकी पार्टी 3 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरी थी। मुकेश सहनी की पार्टी को महागठबंधन ने खगड़िया, मधुबनी और मुजफ्फरपुर सीट दी थी। खगड़िया सीट से खुद मुकेश सहनी ने चुनाव लड़ा था, लेकिन करीब ढाई लाख वोट से लोजपा के उम्मीदवार रहे महबूब अली कैसर से हार गए थे।