बिहार में महागठबंधन की सीटों का बंटवारा हो गया है। पटना में राजद ऑफिस में जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका ऐलान किया गया। RJD 26 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि कांग्रेस को 9 और लेफ्ट को 5 सीटें मिली हैं। लेफ्ट की पांच सीटों में से माले 3, CPI बेगूसराय और CPM खगड़िया से चुनाव लड़ेगी। सबसे ज्यादा पेंच पूर्णिया सीट को लेकर था। यह सीट अब राजद के खाते में है। इसके अलावा औरंगाबाद और सुपौल पर भी राजद पहली बार चुनाव लड़ने जा रही है।
औरंगाबाद सीट पर परंपरागत रूप से अबतक कांग्रेस के ही उम्मीदवार उतारे जाते रहे हैं। वहीं, सुपौल संसदीय सीट के गठन के बाद से पहली बार राजद ने यहां से प्रत्याशी दिया है। पूर्णिया सीट से 1989 में जनता दल से तस्लीमुद्दीन ने जीत हासिल की थी, राजद पहली बार यहां भी चुनाव लड़ने जा रहा है।
वर्ष 2019 के पिछले लोकसभा चुनाव में एनडीए बनाम महागठबंधन के बीच हुए मुकाबले में एनडीए गठबंधन 53.25 प्रतिशत वोट पाकर 40 में 39 सीटों पर कब्जा जमाने में कामयाब हुआ था। जबकि, यूपीए को 30.61 प्रतिशत वोट हासिल हुआ था और सिर्फ कांग्रेस ने एक सीट किशनगंज पर जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में कांग्रेस 9 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और एक सीट जीती जबकि उसे कुल 7.70 प्रतिशत वोट हासिल हुआ था। वहीं, राजद 19 सीटों पर चुनाव लड़ा था। सभी सीट पर हार मिली, लेकिन राजद को कुल 15.36 प्रतिशत वोट हासिल हुआ था।
इस चुनाव में यूपीए के घटक दलों में शामिल रालोसपा 5 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और उसे कुल 3.58 प्रतिशत, हम पार्टी 3 सीट पर चुनाव लड़ी थी और उसे 2.35 प्रतिशत तथा वीआईपी 4 सीट पर चुनाव लड़ कर 1.62 प्रतिशत वोट हासिल कर पायी थी। 2014 में गया सीट पर राजद ने उम्मीदवार दिए थे, तब उसे हार का सामना करना पड़ा था। जबकि, 2019 के चुनाव में नवादा, जहानाबाद, बक्सर, जमुई, बांका, शिवहर, सीतामढी, वैशाली, सीवान, सारण, गोपालगंज, दरभंगा, मधुबनी, मधेपुरा व हाजीपुर में राजद को हार का सामना करना पड़ा था।