बिहार में लोकसभा चुनाव 2024 कई मामलों में अनोखा बन रहा है। यहां राजनीति कई स्तर पर हो रही है। पहला दौर गठबंधन में कन्फ्यूजन का था। दूसरा दौर सीटों के कन्फ्यूजन था। तीसरा दौर उम्मीदवारों के कन्फ्यूजन का था। तो अब चौथा दौर बागियों के कन्फ्यूजन का आ गया है। बागियों की लिस्ट भी ऐसी है, जिसमें नीतीश कुमार की सरकार के दो मंत्री संतान मोह में फंस गए हैं और गठबंधन की खाट खड़ी करने पर आमादा हैं। बड़ा संकट नीतीश कुमार के लिए है, जिसमें वे गठबंधन धर्म निभाएंगे या प्रिय मंत्रियों के संतान को सपोर्ट करेंगे।
जेडीयू को बड़ा झटका… महेश्वर हजारी के बेटे सन्नी हजारी ने थामा कांग्रेस का हाथ
मामला बिहार की उस समस्तीपुर सीट से जुड़ा है, जहां से सांसद प्रिंस राज का पत्ता काट कर चिराग पासवान ने यह सीट अपनी पार्टी के खाते में डाल ली। चिराग पासवान ने इस सीट से शांभवी चौधरी को उम्मीदवार बनाया, जो नीतीश सरकार में मंत्री अशोक चौधरी की बेटी हैं। शांभवी को टिकट मिलने में नीतीश कुमार और चिराग पासवान की पूर्व में रही तनातनी भी रुकावट नहीं बनी। लेकिन अब नीतीश सरकार के ही एक दूसरे मंत्री के बेटे ने इस सीट पर समीकरण फंसा दिया है।
दरअसल, नीतीश सरकार में मंत्री महेश्वर हजारी के बेटे सन्नी हजारी इस सीट पर नए दावेदार बन गए हैं। जदयू में महेश्वर हजारी हैं लेकिन उनके बेटे सन्नी कांग्रेस में शामिल होकर दावेदार बने हैं। वैसे तो महेश्वर हजारी यह कह रहे हैं कि वे पार्टी के साथ हैं। लेकिन जदयू के स्टार प्रचारक महेश्वर हजारी अपने बेटे के खिलाफ तो प्रचार नहीं कर पाएंगे। ऐसे में असली चुनौती नीतीश कुमार के सामने यह है कि वे कैसे अपने दो मंत्रियों, अशोक चौधरी और महेश्वर हजारी के संतानों की दावेदारी को मैनेज करते हैं।