[Team insider] बोकारो जिले के चास नगर निगम क्षेत्र के आईटीआई मोड में बने एक मात्र सरकारी बस स्टैंड की हालत बदहाल हो चुकी है। सरकारी बस स्टैंड में कई बार सौंदर्यीकरण करने के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए गए, लेकिन आज तक बस स्टैंड के अंदर एक भी बस नहीं रुकी और ना ही इसका रख-रखाव हुआ। हालांकि इस बस स्टैंड को लेकर चास नगर निगम के द्वारा राजस्व वसूली के लिए भी नीलामी की जाती है। लेकिन राजस्व वसूली का नीलाम लेने वाले ठेकेदार के कर्मी सड़क पर ही राजस्व वसूली काम करते हैं। वर्ष 2006 में इस बस पड़ाव को बनाया गया था।
सौंदर्यीकरण के लिए लगभग 35 लाख रुपए का हुआ था खर्च
वर्ष 2014 में 13वें वित्त की राशि से इसके सौंदर्यीकरण के लिए लगभग 35 लाख रुपए खर्च हुआ था। लेकिन इसकी हालत खुद देखकर इसका अंदाजा लगाया करता है। यहां बस की जगह ट्रक खड़ी रहती है। स्थानीय लोगों का कहना है की इस बस स्टैंड के रखरखाव के लिए निगम का ध्यान नहीं है। बस स्टैंड बनने के बाद यहां बस का आवागमन नहीं होने के कारण पूरी तरह से स्टैंड बदहाल हो चुका है।
नशेड़ियों का अड्डा बन गया है बस स्टैंड
बस स्टैंड अब नशेड़ियों का अड्डा बन गया है। जिन बसों को इस रास्ते से होकर गुजरना चाहिए था। जिसको सरकार ने परमिट दिया है, वह बसें भी दूसरे रास्ते से होकर आवागमन कर रही है। जिस कारण राजस्व का भी हानि हो रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर यह बस स्टैंड सुचारू रूप से चलता तो लोगों को भी रोजगार उपलब्ध होता।
चास का एकमात्र बस पड़ाव है
बस स्टैंड में बसों के नहीं आने से यह टेंपो चालक को भी उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए वही चास नगर निगम के अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार सिंह ने कहा कि बस पड़ाव को जल्द दुरुस्त करने का काम किया जाएगा। क्योंकि चास का एकमात्र बस पड़ाव है। आईटीआई मोड़ में बना हुआ है। वर्ष 2006 में बना बस पड़ाव जिस तरह से बस पड़ाव की स्थिति है और यहां शराब की बोतलें देखी जा रही है, हम कह सकते हैं कि प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए। इसकी व्यवस्था भी करनी चाहिए ताकि लोगों को इससे रोजगार में मिले और सरकार के राजस्व की हानि भी नहीं हो। वर्ष 2006 में जब बस पड़ाव बना, उसके बाद कुछ दिनों तक या बस का सुचारू रूप से चली, लेकिन आज यह बस पड़ा पूरी तरह से बदहाल है।