मुजफ्फरपुर-दरभंगा-पूर्णिया राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) का भविष्य निजी हाथों में जा सकता है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) देशभर में 33 महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्गों को मोनेटाइज करने की योजना बना रहा है, जिनमें बिहार का यह हाईवे भी शामिल है।
क्या है मोनेटाइजेशन योजना?
मोनेटाइजेशन के तहत, एनएचएआई इन हाईवे का मेंटेनेंस और टोल कलेक्शन सहित अन्य जिम्मेदारी निजी कंपनियों को सौंप देगा। निजी कंपनी को एक तय समय सीमा के लिए हाईवे का संचालन और टोल वसूली का अधिकार दिया जाएगा।
क्या है एनएचएआई की योजना?
- एनएचएआई देशभर में कुल 33 राष्ट्रीय राजमार्गों को मोनेटाइज करने की योजना बना रहा है, जिसका मतलब है कि इन हाईवे से होने वाली कमाई को बढ़ाया जाए।
- इन 33 हाईवे में से एक बिहार का मुजफ्फरपुर-दरभंगा-पूर्णिया एनएच भी शामिल है।
- इस योजना के तहत, चुनी गई निजी कंपनी को तय समय सीमा के लिए इस हाईवे का संचालन करने और टोल वसूली करने का अधिकार दिया जाएगा।
एनएचएआई का लक्ष्य:
एनएचएआई का लक्ष्य 2024-25 तक इन 33 हाईवे को मोनेटाइज करके 50 हजार करोड़ रुपये का राजस्व जुटाना है।
इस योजना के फायदे क्या हो सकते हैं?
- बेहतर रखरखाव: उम्मीद है कि निजी कंपनियां हाईवे के रखरखाव पर ज्यादा ध्यान देंगी, जिससे सड़क की स्थिति बेहतर होगी।
- टोल वसूली प्रणाली में सुधार: निजी कंपनियां आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर टोल वसूली प्रणाली को और अधिक कुशल बना सकती हैं।
- सड़क सुरक्षा में सुधार: बेहतर रखरखाव और कुशल टोल वसूली से सड़क सुरक्षा में भी सुधार हो सकता है।
क्या हो सकती हैं चुनौतियां?
- टोल दरों में वृद्धि: निजी कंपनियां मुनाफा कमाने के लिए टोल दरों में वृद्धि कर सकती हैं।
आगे क्या?
यह योजना अभी अंतिम चरण में है और इसके कार्यान्वयन में कुछ समय लग सकता है। हाईवे के निजीकरण को लेकर आने वाले समय में और अधिक जानकारी सामने आने की उम्मीद है।