[Team insider] बेरोजगार युवकों से फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रूपये की ठगी करने वाले अन्तर्राज्यीय ठग गिरोह का चतरा पुलिस ने पर्दाफाश किया है। रेलवे और वन विभाग में बहाली के नाम पर बेरोजगार युवकों को निशाना बनाते थे। एसपी राकेश रंजन को मिली गुप्त सूचना के आधार पर एसडीपीओ अविनाश कुमार के नेतृत्व में गठित सदर थाना पुलिस की स्पेशल टीम ने कार्रवाई की है। यूपी के गोरखपुर में रेलवे व चतरा में वन विभाग में नौकरी के नाम पर चतरा के युवकों से साढ़े दस लाख रुपये की ठगी करने वाले यूपी और बिहार के रहने वाले मास्टरमाइंड समेत पांच जालसाज व ठगों को गिरफ्तार किया गया है।
न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया
ठगों की गिरफ्तारी सदर थाना क्षेत्र के ऊंटा मोड़ ईलाके से हुई है। गिरफ्तार जालसाजों के पास से फर्जीवाड़े व ठगी में प्रयुक्त विभिन्न कंपनियों के 7मोबाइल फोन, भुक्तभोगियों को दिया गया फर्जी नियुक्ति पत्र, पैसा लेनदेन से संबंधित दस्तावेज व इनोवा क्रिस्टा गाड़ी जप्त किया गया है। गिरफ्तार मुन्नाभाइयों से सदर थाना में पूछताछ के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
साढे दस लाख रुपये की ठगी
एसडीपीओ अविनाश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि पुलिस अधीक्षक को लगातार सूचना मिल रही थी कि यूपी और बिहार के अंतरराज्यीय ठग गिरोह के सदस्य चतरा में बेरोजगार युवकों को बहला-फुसलाकर नौकरी देने के नाम पर पैसे की ठगी करने के नियत से पहुंचे हैं। सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए स्पेशल टीम बनाकर उनका मोड़ इलाके से 8 युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए सदर थाना लाया गया। पूछताछ के दौरान पता चला कि 8 में से तीन युवक भुक्तभोगी हैं जिनसे रेलवे और वन विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र देकर ठगों के द्वारा करीब साढे दस लाख रुपये की ठगी की गई है। जिसके बाद भुक्तभोगीयों के लिखित शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर सभी ठगों को जेल भेज दिया गया है।
कई राज्यों में फैला हुआ है ठगों का नेटवर्क
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार ठगों का नेटवर्क झारखंड, बिहार के अलावा यूपी समेत विभिन्न राज्यों के दर्जनों जिलों में फैला हुआ है। जहां के सैकड़ों बेरोजगार युवकों से गिरोह में शामिल इन ठगों ने नौकरी के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र देते हुए करोडो रुपए की ठगी की है। एसडीपीओ ने कहा है कि गिरोह में शामिल अन्य ठगों की शिनाख्त करते हुए उन्हें भी जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया जाएगा। ताकि और भी कोई बेरोजगार फर्जी नियुक्ति के नाम पर पैसे देकर इनके गिरोह का शिकार ना हो जाए। अभियान में थाना प्रभारी लव कुमार समेत सशस्त्र बल के जवान शामिल थे।