बिहार सरकार ने राज्य में बालू के अवैध खनन, परिवहन और भंडारण पर रोक लगाने के लिए कड़ा रुख अपनाया है। बृहस्पतिवार को आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में, खान एवं भूतत्व विभाग और अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने मिलकर रणनीति तैयार की।
सभी जिला खनन अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में बालू घाटों का निरीक्षण करने और दैनिक आधार पर मुख्यालय को रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया गया है। नीलाम किए गए सभी बालू घाटों पर बोर्ड लगाने और बालू की ओवरलोडिंग से निपटने के लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) एकीकृत वजन मशीन स्थापित करने और अवैध परिवहन पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है।
अधिकारियों को बालू खदान गतिविधि पर नजर रखने और खदान से डिपो और राज्य के अन्य निर्दिष्ट गंतव्यों तक बालू ले जाने वाले ट्रकों पर नजर रखने के लिए कहा गया है। जिन बालू घाटों की नीलामी नहीं हुई है, उन घाटों पर भी बोर्ड लगाने का निर्देश दिया गया है।
यह कदम राज्य में बालू माफियाओं के बढ़ते खतरे को देखते हुए उठाया गया है। पिछले कुछ महीनों में, बालू माफियाओं द्वारा प्रशासन और अफसरों पर हमले किए जाने की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें पुलिसकर्मी और विभाग के वरिष्ठ अधिकारी घायल हो चुके हैं। ऐसी घटनाएं मुख्य रूप से पटना, भोजपुर, रोहतास, औरंगाबाद, सारण और वैशाली जिलों से सामने आती हैं।
सरकार को उम्मीद है कि इन कदमों से बालू के अवैध खनन, परिवहन और भंडारण पर प्रभावी ढंग से रोक लगाई जा सकेगी और बालू माफियाओं के हौसले को पस्त किया जा सकेगा। साथ ही, राज्य में कानून व्यवस्था को बनाए रखने में भी मदद मिलेगी।