लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने लालू यादव के ‘माय’ समीकरण का इस्तेमाल कर अपनी नई परिभाषा दी है। उन्होंने कहा कि एम और ए समीकरण को मैं भी मानता हूं लेकिन M से महिला और Y से युवा और इस समीकरण में सभी वर्ग के महिला और युवा शामिल हैं। हम लोग तुष्टिकरण की बात नहीं करते। हम लोग जात धर्म की बात नहीं करते। यह वही करते हैं जो दूसरे तरीके से MY समीकरण को बताते हैं।
विकास की बात करनी है तो सामने आए
उन्होंने कहा कि जो लोग आज प्रधानमंत्री से एम्स बनने पर सवाल कर रहे हैं एम्स बनेगा भी और चलाएंगे भी। उन लोगों ने क्या किया। उनके शासनकाल में अस्पताल की स्थिति क्या थी। उनके माता-पिता के शासनकाल में अस्पताल की स्थिति क्या थी। अपने शासनकाल के बारे में कांग्रेस भी बताए उन्होंने 55 साल तक काम किया आखिर विकास क्यों नहीं हुआ। अगर विकास की बात करनी है तो सामने आए। उन्होंने कहा कि आज हर मंच से जब मैं पूछता हूं कि प्रधानमंत्री की योजनाओं का लाभ किसे मिल रहा है सभी लोग हाथ उठाते हैं। आज मैं पूछता हूं कि किसे 5 किलो अनाज मिल रहा है सभी लोग हाथ उठाते हैं। आज मैं पूछता हूं कि आयुष्मान भारत का लाभ किसे मिल रहा है। सभी लोग हाथ उठाते हैं। यही मोदी की गारंटी है और यही मोदी का विकास है।
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राजद नेता तेजस्वी यादव के ‘देश के प्रधानमंत्री हिंदू, राष्ट्रपति हिंदू, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री हिंदू, तीनों सेनाध्यक्ष हिंदू है फिर भी ये लोग कह रहे है कि धर्म खतरे में है।’ वाले बयान पर बिहार LJP (रामविलास) प्रमुख और हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार चिराग पासवान ने कहा, “इसी को तुष्टीकरण की राजनीति कहते हैं… वे(पीएम मोदी) एक ऐसे प्रधानमंत्री है जो 140 करोड़ देशवासियों के लिए गरीब कल्याण की योजनाएं बनाते हैं।
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कौन सी ऐसी योजना है जिसे धर्म के आधार पर बांटा गया?… अगर देश में 81 करोड़ लोगों को अनाज दिया जा रहा है उसमें कहीं भी ये नहीं देखा जा रहा है कि ये अनाज हिंदू को बांटा जा रहा है या मुसलमान को दिया जा रहा है… ये लोग जब ऐसी बातें करते हैं कि ये धर्म खतरे में है या वो धर्म खतरे में है तो ये तुष्टीकरण की राजनीति करते हैं। जिसका सबसे ज्यादा नुकसान बिहार को और भारत को है… जो लोग खुद जाति और संप्रदाय के आधार पर समीकरण बनाते हैं, वो लोग जब किसी पर आरोप लगाते हैं तो बाकी की तमाम उंगलियां उनके ऊपर उठती हैं।”