सारण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी जनसभा पर सारण विकास मंच के संयोजक शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सारण की धरती पर हार्दिक अभिनंदन है। वे सारण आए और सारण की जनता के बीच अपना संबोधन किया, उनका हार्दिक आभार है। उनकी बातों में बहुत कुछ ऐसा है, जिसपर हर भारतीय सोचता है। पीएम मोदी ने चंद्रमा से लेकर भारत की तमाम उपलब्धियों की चर्चा की, उससे किसी को गुरेज नहीं है। लेकिन लगता है सारण के उनकी पार्टी के दोनों सांसदों ने सारण की कमियों और खूबियों के बारे में प्रधानमंत्री को अपडेट नहीं किया है।
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शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि पीएम मोदी सारण की चुनावी जनसभा में पाकिस्तान की बात करते रहे। हमें खुशी है कि वे हमारे उस पड़ोसी को लेकर कड़ा रुख रखते हैं, जो हमारे देश में आतंकवाद की जड़ें फैलाना चाहता है। लेकिन दिल्ली से लेकर दूसरे मंचों तक से पीएम यह बातें करते रहे हैं और हम इन बातों को सुनते भी रहे हैं। आज अगर पीएम ने सारण की धरती का चयन अपने संबोधन के लिए किया तो हमें उम्मीद थी कि वे सारण की बात करते, सारण के विकास की बात करते, सारण की जनता के विश्वास की बात करते, मढ़ौरा की बंद पड़ी चीनी मिल के शुरुआत की बात करते, सारण में एयरपोर्ट के संचालन की बात करते, डेढ़ दशक से अटके छपरा-सोनपुर हाइवे की बात करते, 10 सालों में रोजगार सृजन का कोई केंद्र नहीं खुलने के बारे में बात करते। लेकिन दुखद स्थिति रही कि पीएम के संबोधन से यह सबकुछ गायब रहा और नतीजा यह हुआ कि मोदी जी को सारण के चुनाव में भी पाकिस्तान की चर्चा से ही काम चलाना पड़ा।
सारण विकास मंच के संयोजक शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि पिछले 10 वर्षों से नरेंद्र मोदी जी ही पीएम हैं। जबकि इसी अवधि में सारण के सांसद राजीव प्रताप रूडी हैं और महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री जी को 10 साल में कभी भी इतना वक्त तो मिला ही होगा कि कम से कम जिनके लिए वे निजी तौर पर वोट मांगने जा रहे हैं, उस क्षेत्र के बारे में सही फीडबैक लें। यह तो गलत हो जाता है कि मढ़ौरा की चीनी मिल खुलवाने का वादा तो भाजपा के नेता कर देते हैं, स्वयं पीएम मोदी कर देते हैं और लोग अपना वोट देकर भाजपा के उम्मीदवार को संसद भेज देते हैं। आज प्रधानमंत्री की बातें सुनकर स्पष्ट हो गया है, सारण से जुड़े दोनों सांसद पीएम तक क्षेत्र की कोई असली बात नहीं बताते हैं। यह खेदपूर्वक कहना पड़ता है कि स्थानीय सांसदों की निष्क्रियता के कारण प्रधानमंत्री मोदी का भाषण शिथिल और उद्देश्यविहीन दिखा।