लोकसभा चुनाव के छठे चरण में चुनाव लड़ रहे लगभग 39 प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति हैं, जिनकी औसत संपत्ति 6.21 करोड़ रुपये है। चुनाव अधिकार संस्था ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) ने यह जानकारी दी. एडीआर के विश्लेषण में कहा गया है कि 25 मई को छठे चरण में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों में सबसे अधिक संपत्ति कुरुक्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार नवीन जिंदल की है, जिन्होंने 1,241 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है। उनके बाद संतृप्त मिश्रा की 482 करोड़ रुपये और सुशील गुप्ता की 169 करोड़ रुपये है।
इतने उम्मीदवार करोड़पति
छठे चरण में बीजू जनता दल (बीजद) के सभी छह उम्मीदवार, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जदयू के सभी चार-चार उम्मीदवार, भाजपा के 51 में से 48 (94 प्रतिशत), सपा के 12 में से 11 (92 प्रतिशत), कांग्रेस के 25 उम्मीदवारों में से 20 (80 प्रतिशत), आम आदमी पार्टी (आप) के पांच उम्मीदवारों में से चार (80 प्रतिशत) और अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (एआईटीसी) के नौ उम्मीदवारों में से सात (78 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां घोषित की है।
मास्टर रणधीर सिंह के पास सिर्फ दो रुपये
सबसे कम संपत्ति वाले प्रत्याशियों में रोहतक से निर्दलीय उम्मीदवार मास्टर रणधीर सिंह शामिल हैं। सिंह ने अपनी संपत्ति दो रुपये घोषित की है। इसके बाद प्रतापगढ़ से एसयूसीआई(सी) के उम्मीदवार राम कुमार यादव ने 1686 रुपये की संपत्ति घोषित की है। लगभग 411 (47 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने हलफनामे में देनदारियों की घोषणा की है।
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वहीँ अगर दागी उम्मीदवारों की बात करें तो एडीआर के अनुसार 866 उम्मीदवारों में से लगभग 180 (21 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं और 866 में से 141 (16 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। इसके अनुसार कम से कम 12 उम्मीदवारों ने ऐसे मामलों की घोषणा की है जिनमें उन्हें दोषी ठहराया गया है और छह उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ हत्या (आईपीसी की धारा -302) से संबंधित मामले घोषित किए हैं।
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एडीआर ने कहा कि 21 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ हत्या के प्रयास (आईपीसी की धारा 307) से संबंधित मामले घोषित किए हैं और 24 उम्मीदवारों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामले घोषित किए हैं। एडीआर के अनुसार 16 उम्मीदवारों ने घृणा फैलाने वाले भाषण से संबंधित मामले अपने खिलाफ घोषित किए हैं।