प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर अपना जवाब COVID-19 पर बोलकर शुरू किया। बजट सत्र के राष्ट्रपति के उद्घाटन भाषण के जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज राज्यसभा में पीएम मोदी ने सरकार की नीतियों और देश ने COVID-19 महामारी को कैसे संभाला इस बात से शुरूआत की।
बड़ा खतरा वंशवादी पार्टियां
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा वंशवादी पार्टियां हैं। जब एक परिवार किसी राजनीतिक दल में बहुत अधिक प्रचलित हो जाता है, तो राजनीतिक प्रतिभा को नुकसान होता है। उन्होंने आगे कहा कि COVID-19 एक महामारी है जो मानव जाति ने पिछले सौ वर्षों में ऐसा संकट कभी नहीं देखा था। यह संक्रमण अपना रूप बदलता रहता है जिससे दुनिया परेशान है। सारा देश और दुनिया इसके खिलाफ लड़ रही है। पहले लॉकडाउन के दौरान काफी विचार-विमर्श चला और थोड़े साहस के साथ हमलोगों ने तय किया कि गांवों के किसानों को लॉकडाउन से छूट दी जाए। यह एक महत्वपूर्ण निर्णय था। जिसके परिणामस्वरूप हमारे किसानों की इस संकट के दौरान भी बंपर उत्पादकता हुई।
आचरण की सराहना की
पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लोगों ने वैक्सीन ले ली है और उन्होंने ऐसा न केवल अपनी सुरक्षा के लिए बल्कि दूसरों की सुरक्षा के लिए भी किया है। इतने सारे वैश्विक टीकाकरण विरोधी आंदोलनों के बीच इस तरह का आचरण सराहनीय है। राज्यसभा में पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस नहीं होती तो कश्मीरी पंडितों के लिए कोई इमरजेंसी, जाति की राजनीति, सिख नरसंहार या समस्या नहीं होती।
भारत की प्रगति पर सवाल उठाते रहे
मोदी ने कांग्रेस पर अपना हमला जारी रखते हुए कहा, जब यह सब शुरू हुआ तो लोगों ने सोचा कि भारत का क्या होगा और इसका दुनिया पर क्या प्रभाव पड़ेगा। लेकिन देश के 130 करोड़ लोगों की इच्छाशक्ति और अनुशासन के कारण दुनिया भर में भारत की सराहना हो रही है। उन्होंने कहा कि लोग महामारी के दौरान भारत की प्रगति पर सवाल उठाते रहे, लेकिन केंद्र ने सुनिश्चित किया कि 80 करोड़ नागरिकों को मुफ्त राशन मिले। यह भी सुनिश्चित किया गया कि गरीबों के लिए रिकॉर्ड संख्या में घर बनाए जाएं। कोविड संकट के दौरान पांच करोड़ ग्रामीण परिवारों को स्वच्छ नल के पानी का कनेक्शन दिया गया। पहले लॉकडाउन के दौरान काफी चर्चा के बाद तय हुआ कि गांवों को लॉकडाउन से छूट दी जाएगी। परिणामस्वरूप महामारी के दौरान भी किसानों की बंपर उत्पादकता हुई।